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व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर मचा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा। पांच महीने तक चले विवाद के बाद व्हाट्सएप ने 15 मई से अपनी प्राइवेसी पॉलिसी भारत समेत कई देशों में लागू कर दी है। व्हाट्सएप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी नई प्राइवेसी पॉलिसी पैटेंट कम्पनी फेसबुक को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इस पॉलिसी के तहत व्हाट्सएप का डाटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और भागीदार कम्पनियों के साथ शेयर किया जाएगा लेकिन नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है यानी आप किसी बिजनेस अकाउंट (व्हाट्सएप बिजनेस) से व्हाट्सएप पर चैट करते हैं तो सिर्फ वही डाटा कम्पनी लेगी और अन्य कम्पनियों को देगी लेकिन यदि आप किसी दोस्त या रिश्तेदार से आम व्हाट्सएप अकाउंट से बात कर रहे हैं तो आपकी चैटिंग कम्पनी नहीं देखेगी। सीधी बात यह है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है, इसे स्वीकार करने के बाद निजी चैट प्रभावित नहीं होंगे। यद्यपि व्हाट्सएप ने कहा है कि यदि आप उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं भी करते तो वह आपके अकाउंट को डिलीट नहीं करेगा लेकिन धीरे-धीरे सभी फीचर्स को बंद कर देगा, जैसे आपको किसी के मैसेज आने का नोटिफिकेशन तो दिखेगा लेकिन आप उसे पढ़ नहीं पाएंगे। नई पॉलिसी का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। इलैक्ट्रानिकी और सूचना मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी कई भारतीय कानूनों को तोड़ने वाली है। अब मंत्रालय ने व्हाट्सएप को नई पॉलिसी को वापिस लेने का निर्देश दिया है और कम्पनी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय यूजर्स की निजता, डाटा सिक्योरिटी के अधिकार को खत्म करने वाली है। करोड़ों भारतीय यूजर्स कम्युनिकेशन के लिए व्हाट्सएप पर निर्भर है लेकिन उसने नई पॉलिसी लागू करके गैर जिम्मेदार होने का प्रमाण दे दिया है। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि व्हाट्सएप सात दिनों के भीतर जवाब दे, यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो व्हाट्सएप के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।