- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- आफत की यह कैसी बारिश
हिमाचल प्रदेश एक ऐसा नाम जिस नाम में ही प्राकृतिक सौंदर्य व शांति तथा प्रकृति मां की गोद में बसे होने का अहसास होने लग जाता है। पहाड़ों की खूबसूरती जहां एक तरफ लोगों को आकर्षित करती है, वहीं दूसरी तरफ ये पहाड़ हर साल कई लोगों की जान ले लेते हैं। कई लोग अपने आशियानों से बेघर हो जाते हैं तो किसी को जान से हाथ धोना पड़ता है। यही सच्चाई है। इस बरसात में तो न जाने प्रकृति अपने दोहन का पूरा हिसाब बराबर करने पर आतुर हो चुकी है क्योंकि 2022 की बरसात हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए आफत बनकर बरस रही है। हर साल न जाने कितने लोगों के घर बरसात के समय टूटते हैं। पहाड़ी राज्य होने के साथ हिमाचल प्रदेश को कई तरह के नुकसान झेलने को मिलते हैं जोकि यहां के लोगों व प्रदेश की सुंदरता पर जख्मों की तरह नजर आते हैं। ऐसे जख्म जो बहुत पीड़ादायक हैं। बरसात हर बार होती है, लेकिन इस बार तो अभी ढंग से शुरू ही नहीं हुई कि 'मानो पानी की जगह आफत बरस रही हो' या कहा जा सकता है कि पिछली बरसातों से कोई सीख नहीं ली गई जिसका खामियाजा इस बरसात में भुगतना पड़ रहा है। यह मानसून हिमाचल के लिए आफत बनकर बरस रहा है। दो हफ्तों में ही 116 करोड़ रुपए का नुकसान प्रदेश पीडब्ल्यूडी को हो चुका है। हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन को शुरू हुए अभी आधा महीना भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन नुकसान का आंकड़ा 100 करोड़ पार कर चुका है। मात्र 13 दिनों में हिमाचल प्रदेश के मानसून से 116 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। पीडब्ल्यूडी को अकेले 110 करोड़ से ज्यादा के नुकसान का आकलन है। वहीं, प्रदेश में बारिश से 17 सड़कों पर आवाजाही बंद है। साथ ही सात ट्रांसफार्मर और 17 वाटर सप्लाई की स्कीमें भी ठप पड़ी हैं।
सोर्स- divyahimachal