सम्पादकीय

कोराना के एंडेमिक फेज में मास्क कि क्या उपयोगिता रह गई है?

Rani Sahu
23 May 2022 12:57 PM GMT
कोराना के एंडेमिक फेज में मास्क कि क्या उपयोगिता रह गई है?
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देश में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona Pandemic) के बाद अप्रैल में संक्रमण के मामले कम होने लगे थे

पंकज कुमार |

देश में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona Pandemic) के बाद अप्रैल में संक्रमण के मामले कम होने लगे थे. कम होते केस को देखते हुए उस दौरान दिल्ली समेत कुछ राज्यों में मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था, लेकिन अप्रैल के दूसरे सप्ताह से दोबारा केस बढ़े तो इन शहरों में मास्क (Mask)की पाबंदी फिर से लागू कर दी थी. उस दौरान कुछ एक्सपर्ट्स ने चौथी लहर (4th Wave Of Corona Pandemic) की आशंका भी जताई थी, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. अब पिछले दो सप्ताह से कोरोना के नए मामले कम हो रहे हैं. मास्क को लेकर पहले वाली सख्ती भी नजर नहीं आ रही है. मास्क पर चालान होने के बावजूद भी कई लोग सार्वजनिक स्थलों पर इसे लगा नहीं रहे हैं. ये भी देखा जा रहा है कि जो लोग मास्क लगा भी रहे हैं. वह इससे अपने फेस को सही से कवर नहीं कर रहे हैं. किसी का मास्क नाक से नीचे रहता है तो किसी का गर्दन पर लटका रहता है.

क्या मास्क जरूरी है
इस बीच कुछ एक्सपर्ट्स ने मास्क की पाबंदी को फिर से हटाने की वकालत की है. दूसरी तरफ, कुछ डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क जरूरी है. इसकी उपयोगिता को लेकर एक्सपर्ट्स के बीच काफी विरोधाभास है. मास्क के उपयोग को लेकर राय भी अलग-अलग है.मास्क हटाने की अपील करने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में इस समय कोरोना का पॉजिटिविटी रेट लगातार कम हो रहा है. ओमिक्रॉन के संक्रमण और तेजी से हो रहे टीकाकरण से लोगों की इम्यूनिटी भी मजबूत हो चुकी है. ऐसे में कोरोना के किसी नए वैरिएंट से नुकसान पहुंचने की आशंका काफी कम है. जब कोरोना काबू में है तो मास्क की जरूरत नहीं है.
वहीं, अन्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में भले ही कोरोना काबू मे है, लेकिन नॉर्थ कोरिया समेत कुछ देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. चूंकि कोरोना एक ग्लोबल महामारी है. ऐसे में मास्क हटाने का रिस्क नहीं लिया जा सकता. कोरोना वायरस को रोकने के लिए सबसे बेहतर तरीका मास्क ही है. क्योंकि वायरस का सबसे बेहतर मुकाबला मास्क ही करता है. ये एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले संक्रमण को रोकता है.
फिलहाल हटाई जाए मास्क की पाबंदी
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार कहते हैं कि कोरोना महामारी एंडेंमिक फेज में है. वायरस भी कमजोर हो चुका है और ये एक सामान्य फ्लू की तरह बन गया है. अब इस स्थिति में मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर देना चाहिए. जब कोरोना केस ही न के बराबर हैं, तो मास्क लगाने का कोई फायदा नहीं है. डॉ. कहते हैं " फिलहाल हमें एक ऐसी रणनीति बनाने की जरूरत है, जहां मास्क का उपयोग कब करना है और कब नहीं. इसको लेकर नियम बनाया जाए. जैसे फिलहाल कोरोना से हालात सामान्य है, तो अब मास्क की पाबंदी को खत्म कर देना चाहिए. अगर भविष्य में कभी केस बढ़ते हैं तो मास्क लगाने का नियम फिर से लागू कर सकते हैं"
मास्क से पर्यावरण को हो रहा नुकसान
डॉ. अंशुमान का कहना है कि लोग डिस्पोजेबल मास्क लगा रहे हैं और इसे कूड़े में फेंक देते हैं. ये मास्क नॉन-बायोडिग्रेडेबल है और हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है. मास्क का वेस्ट धीरे-धीरे बढ़ रहा है. आने वाले समय में ये वेस्ट चिंता का कारण बन सकता है. ऐसे में इस बात पर भी विचार करने की जरूरत है कि मास्क का उपयोग कब तक करना चाहिए.
मास्क ही बचाव है
महामारी विशेषज्ञ डॉ. अजित कुमार का कहना है कि कोरोना भले ही काबू में है, लेकिन मास्क लगाना बहुत जरूरी है. क्योंकि ये हमें कोरोना के अलावा अन्य कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है.कुछ देशों में अभी भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट कर रहा है और भारत में ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BA.4 भी दस्तक दे चुका है. इस स्थिति में मास्क की पाबंदी को हटाने का रिस्क नहीं लिया जा सकता है.
विदेशों में भी देखा गया है कि जब वहां मास्क की अनिवार्यता खत्म की गई थी तो केस बढ़ने लगे थे. इसलिए मास्क को जीवन का एक हिस्सा मानकर इसे लगाना चाहिए. ये सिर्फ कोरोना से ही नहीं, बल्कि फ्लू. टीबी और अन्य कई संक्रामक बीमारियों से भी बचाव करता है.
सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाना जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति भीड़ वाले इलाकों में जा रहा है तो उसे मास्क लगाना चाहिए. क्योंकि भीड़ में अगर एक व्यक्ति भी संक्रमित है तो वह कई लोगों तक वायरस फैला सकता है. इसके अलावा जो लोग इलाज़ के लिए अस्पताल जाते हैं उन्हें भी मास्क लगाना चाहिए. कई बार देखा जाता है कि लोग भीड़ वाले इलाकों में भी मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. क्योंकि भले ही कोरोना एंडेमिक फेज में है, लेकिन कई प्रकार की अन्य बीमारियों का खतरा बना हुआ है.बरहाल, मास्क के उपयोग को लेकर सरकार को एक खास प्लान बनाने की जरूरत है, लेकिन ये तो साफ है कि लोगों को भीड़ वाले इलाकों में मास्क लगाना चाहिए.

सोर्स- tv9hindi.com

Rani Sahu

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