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- अंबानी-अडानी और ईस्ट...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अहम फर्क यह कि ईस्ट इंडिया कंपनी के मालिक गोरे अंग्रेज थे तो अंबानी-अडानी हिंदुस्तानी अश्वेत चेहरों वाले हैं। अन्यथा दोनों धंधे-मुनाफे के लिए किसी भी सीमा तक जाने वाले। दोनों ने भारत के बादशाहों-नेताओं को साधा। बादशाह-नेताओं को चांदी की जूतियां पहनाई, कृपा पाई और बेइंतहा कमाई का रिकार्ड! ईस्ट इंडिया कंपनी की सफलता तब यह कहावत बनाए हुए थी कि "दुनिया खुदा की, मुल्क बादशाह का और हुक्म कंपनी बहादुर का"। उसके प्रतिरूप में आज कहावत बनती है "दुनिया हिंदुओं की, मुल्क मोदी का और हुक्म अंबानी-अडानी का"। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में सड़क, अस्पताल, स्कूल पुल, रेल, परिवहन सुविधाएं, कृषि सुधार किए लेकिन किसानों पर चाबुक चलवा उनसे नील की खेती करवाई और कपास, रेशम, अफीम, चीनी व मसालों के व्यापार से बेइंतहा पैसा कमाया तो पूरे देश की आबादी को बिना सेना के ही गुलाम बना 'हुक्म कंपनी बहादुर' का बना डाला।