सम्पादकीय

West Bengal Election 2021 : ममता बनर्जी के कभी थे सिपहसालार, अब बने गए हैं BJP के हथियार

Gulabi
7 March 2021 11:55 AM GMT
West Bengal Election 2021 : ममता बनर्जी के कभी थे सिपहसालार, अब बने गए हैं BJP के हथियार
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साल 2011 में ममता बनर्जी ने 34 वर्षों के लेफ्ट फ्रंट को हटा कर बंगाल में ‘मां, माटी, मानुष’ की सरकार बनाई थी

साल 2011 में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 34 वर्षों के लेफ्ट फ्रंट (Left Front) को हटा कर बंगाल में 'मां, माटी, मानुष' की सरकार बनाई थी. लेफ्ट के खिलाफ सियासी लड़ाई में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun chakorborty), मुकुल रॉय (Mukul Roy) , शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari), दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi), अर्जुन सिंह (Arjun Singh), राजीव बनर्जी (Rajib Banerjee), सौमित्र खान (Saumitra Khan), भारती घोष ( Bharti Ghosh), सव्यसाची दत्ता (Sabyasachi Dutta), अनुपम हाजरा (Anupam Hazara) , शोभन बनर्जी (Sovan Banrjee), शंकु देब पांडा, म‍िहि‍र गोस्‍वामी जैसे नेताओं ने ममता को बंगाल का सिंहासन देने में जान लगा दी थी.


लेकिन साल 2021 के विधानसभा चुनाव के पहले इन नेताओं ने अपना पाला बदल लिया है और अब ये ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं और बीजेपी के हथियार बन कर ममता पर ही वार कर रहे हैं.ममता बनर्जी के करीबी करीबी माने जाने वाली विधायक सोनाली गुहा भी अब बीजेपी की राह पर हैं. ये नेता लगातार ममता बनर्जी पर वार कर रहे हैं.
पूर्व परिवहन मंत्री व वामपंथी नेता सुभाष चक्रवर्ती के करीबी माने जाने वाले अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को ममता बनर्जी ने राज्यसभा का सांसद बनाया था, लेकिन ममता बनर्जी से मतभेद होने के बाद उन्होंने टीएमसी से नाता तोड़ लिया था और अब वह ब्रिगेड सभा में पीएम नरेंद्र मोदी की सभा में शामिल हो रहे हैं.

ममता से मुकाबला कर रहे हैं शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के सबसे करीबी माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने न केवल टीएमसी से नाता तोड़ा है. ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी पर लगातार हमला बोलने के बाद अब चुनावी मैदान में उनके सामने हैं. ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा की हैं, तो शुभेंदु अधिकारी उनके खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव लड़ रहे हैं. शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराने की चुनौती दी है.
ममता के करीबी मुकुल अब बीजेपी के रणनीतिकार

इसी तरह मुकुल रॉय कभी ममता बनर्जी के बाद टीएमसी में नंबर दो थे. बंगाल की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले मुकुल रॉय बीजेपी का दामन थामकर 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना सियासी असर दिखा चुके हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 42 सीटों में से 18 पर कब्जा करने में सफल रही थी. साल 2017 में ममता का साथ छोड़ कर बीजेपी जॉइन करने वाले मुकुल रॉय फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और बंगाल चुनाव में बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के काफी करीबी माने जाते हैं और बंगाल चुनाव के रणनीतिकारों में से एक हैं.
ममता के एमपी दिनेश त्रिवेदी अब बीजेपी में हैं

टीएमसी के सांसद रहे दिनेश त्रिवेदी ने विधानसभा चुनाव के पहले ममता बनर्जी का साथ छोड़ दिया. लोकसभा चुनाव में टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए अर्जुन सिंह के हाथों पराजित होने के बाद ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी को राज्यसभा सांसद बनाया था, लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले दिनेश त्रिवेदी ने न कवेल राज्यसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था, वरन अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
ममता पर निशाना साध रहे हैं अर्जुन सिंह

टीएमसी में लंबे समय तक विधायक रहे अर्जुन सिंह की अपनी तूती बोलती थी, लेकिन ममता बनर्जी के साथ ऐसे रिश्ते बिगड़े कि उन्होंने पार्टी ही छोड़ दी. अर्जुन सिंह ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. 2019 के लोकसभा चुनाव में बैरकपुर लोकसभा सीट से सांसद बने और अब ममता बनर्जी पर लगातार हमला बोल रहे हैं.
शोभन चटर्जी ने भी छोड़ दिया है ममता का साथ

इसी तरह से ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाने वाले शोभन चटर्जी भी साथ छोड़ चुके हैं. शोभन चटर्जी के बैशाखी बंद्योपाध्याय के साथ रिश्ते ने उन्हें टीएमसी से दूर कर दिया. ममता बनर्जी ने पार्टी बैठक में शोभन के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की थी, जिसके बाद से उनका टीएमसी से मोहभंग गया. साल 2019 में उन्होंने टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया और अब दक्षिण 24 परगना में वह ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ लगातार हमले बोल रहे हैं.
सव्यसाची और अनुपम ने भी छोड़ा है साथ

सव्यचासी दत्ता टीएमसी के ऐसे नेता थे, जो ममता बनर्जी के करीबी थे और बिधाननगर से मेयर रहे हैं. राजारहाट सीट से विधायक रह चुके हैं. 2019 में उनके रिश्ते ममता बनर्जी से ऐसे बिगड़े कि सब्यसाची ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया और अक्टूबर 2019 में बीजेपी का दामन थाम लिया. ममता बनर्जी के युवा ब्रिगेड का चेहरा अनुपम हाजरा थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्हें निकाल दिया था. बोलपुर से टीएमसी से अनुपम हाजरा सांसद रह चुके हैं और मौजूदा समय में बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.


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