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सम्पादकीय
पांच प्रांतों के विधानसभा चुनावों में असर दिखातीं कल्याणकारी योजनाएं
Gulabi Jagat
17 March 2022 4:44 AM GMT
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पांच प्रांतों के विधानसभा चुनावों में कल्याणकारी योजनाओं से मिल रहे लाभ के आधार पर वोट दिए जाने के स्पष्ट संकेत मिले हैं
डा. जयंतीलाल भंडारी। पांच प्रांतों के विधानसभा चुनावों में कल्याणकारी योजनाओं से मिल रहे लाभ के आधार पर वोट दिए जाने के स्पष्ट संकेत मिले हैं। जहां उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भाजपा की जीत में केंद्र और साथ ही प्रदेश सरकारों द्वारा आम आदमी के कल्याण के लिए चलाए गए विभिन्न कार्यक्रमों की प्रभावी भूमिका रही है, वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की शानदार विजय में दिल्ली सरकार के शिक्षा-स्वास्थ्य माडल की अहम भूमिका रही। विभिन्न अध्ययन रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आ रहा है कि पिछले छह-सात वर्षों में आम जनता और खासकर गरीब जनता के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं के अच्छे परिणाम मिले हैं। विभिन्न सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैैंक खाते में भेजे जाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), पीएम किसान सम्मान निधि, उज्ज्वला, स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर में शौचालय निर्माण, हर घर नल जल, ग्रामीण विद्युतीकरण, नि:शुल्क अनाज वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि के प्रभावों ने मतदाताओं के मिजाज और उनके वोट समीकरण को एक बड़ी हद तक बदल दिया है।
देश में जनधन, आधार और मोबाइल (जैम) के कारण आम आदमी डिजिटल दुनिया से जुड़ गया है। देश में जिस तरह करीब 130 करोड़ आधार कार्ड, 118 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता और 44 करोड़ जनधन बैंक खातों का विशाल एकीकृत बुनियादी डिजिटल ढांचा विकसित हुआ है, वह आम आदमी के आर्थिक-सामाजिक विकास का आधार बन गया है। जैम के माध्यम से गरीब वर्ग के करोड़ों लोगों के लिए गरिमापूर्ण जीवन के साथ सशक्तीकरण का असाधारण कार्य पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया है। इस पहल ने पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया है। इसके कारण ही आज डीबीटी सफल हो रही है। अब तक 90 करोड़ से अधिक नागरिक इसका फायदा ले चुके हैैं। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के मुताबिक फिलहाल केंद्र सरकार के 54 मंत्रालयों द्वारा 315 योजनाएं डीबीटी के जरिये संचालित हो रही हैं। आम आदमी के जनधन खातों के कारण भारत अब वित्तीय समावेशन के मामले में जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका से आगे है। जिन प्रांतों में जनधन खातों की संख्या अधिक है, वहां अपराध में गिरावट भी देखने को मिली है। अधिक बैंक खाते वाले प्रदेशों में शराब और तंबाकू उत्पादों जैसे नशीले पदार्थों की खपत में महत्वपूर्ण एवं सार्थक गिरावट आई है। ई-रूपी वाउचर ने भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने और सरकारी सब्सिडी के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने का काम किया है। यह भी उल्लेखनीय है कि नेशनल पेंशन स्कीम और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की संख्या 5.07 करोड़ के पार पहुंच गई है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना देश के छोटे किसानों का बहुत बड़ा संबल बन गई है। इसके तहत 6,000 रुपये प्रतिवर्ष प्रत्येक किसान को दिया जा रहा है। अब तक 11.37 करोड़ से अधिक किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपये दिए जाने, फसल बीमा योजना में सुधार, एमएसपी को डेढ़ गुना करने, किसान क्रेडिट कार्ड से सस्ते दर से बैंक से कर्ज मिलने, कृषि निर्यात तेजी से बढऩे, कृषि बजट के पांच गुना किए जाने, सोलर पावर से जुड़ी योजनाएं खेत तक पहुंचाने, दस हजार नए किसान उत्पादन संगठन बनाने, किसान रेल के माध्यम से छोटे किसानों के कृषि उत्पाद कम ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे पर देश के दूरदराज के इलाकों तक पहुंचने तथा किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिलने से करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के डिजिटलीकरण का दोहरा फायदा मिल रहा है। एक ओर जहां पात्र उपभोक्ताओं को उनके हक का अनाज समय से प्राप्त हो रहा है, वहीं सरकारी खजाने का दुरुपयोग बंद हुआ है। इस पूरी प्रणाली को डिजिटल बनाने से करीब 19 करोड़ अपात्र लोग सार्वजनिक राशन प्रणाली से बाहर हो गए हैैं। यह संख्या कुल 80 करोड़ लाभार्थियों की करीब एक चौथाई है। स्पष्ट है करीब दो लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी में से 50 हजार करोड़ रुपये का अनाज गलत हाथों में जा रहा था। इस दुरुपयोग को रोकने में सफलता मिली है। यह भी कोई छोटी बात नहीं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा मुफ्त कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
जहां आम आदमी कल्याणकारी योजनाओं से मिल रहे लाभों को अनुभव कर रहा है, वहीं उद्योग-कारोबार एवं सर्विस सेक्टर से जुड़े लोग भी अर्थव्यवस्था की प्रगति का अनुभव कर रहे हैं। भारत का शेयर बाजार पहली बार बाजार पूंजीकरण के लिहाज से पूरी दुनिया के शीर्ष पांच देशों की सूची में जगह बनाने में सफल रहा है। देश का बाजार पूंजीकरण वर्तमान में करीब 3.21 लाख करोड़ डालर है। इसी तरह भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। दुनिया की दो बड़ी रेटिंग एजेंसियों क्रिसिल और मार्गन स्टेनली ने कहा है कि रूस-यूक्रेन के युद्ध की चुनौतियों के बीच भी चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर करीब 8.9 फीसद रहेगी और आगामी वित्त वर्ष में करीब 7.9 फीसद विकास दर रहेगी। ये अनुमानित विकास दरें अर्थव्यवस्था के तेजी से आगे बढऩे की प्रतीक हैं।
(लेखक एक्रोपोलिस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च, इंदौर के निदेशक हैं)
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