सम्पादकीय

अपना लोकतंत्र भी अजीब

Gulabi
19 Jan 2021 11:00 AM GMT
अपना लोकतंत्र भी अजीब
x
महाराष्ट्र से पिछले हफ्ते आई खबर हैरतअंगेज तो नहीं थी, लेकिन

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाराष्ट्र से पिछले हफ्ते आई खबर हैरतअंगेज तो नहीं थी, लेकिन उससे अपने लोकतंत्र की स्थिति पर विचार करने का एक मौका जरूरत मिलता है। हैरतअंगेज इसलिए नहीं थी, क्योंकि अपने लोकतंत्र में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पैसे का बोलबाला है, यह आम जानकारी है। लेकिन जब हालात ऐसे हों, तो फिर यह जरूरत सोचना पड़ता है कि आखिर हम दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने की बात कहकर गर्व क्यों करते हैं? खबर यह आई कि निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के नासिक और नंदूरबार जिलों के दो गांवों में पंचायत चुनाव रद्द कर दिया है। आयोग को पंचायत सीटों की नीलामी की शिकायत और वीडियो मिले थे। उसके बाद 15 जनवरी को होने वाले चुनाव को रद्द कर दिया गया। मतदाताओं को पैसा बांटने के आरोप में पहले विधान सभा की सीट का चुनाव भी रद्द हुआ है। लेकिन इस बार खबर सीट की नीलामी की है।


महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को नासिक के उमराने और नंदूरबार के खोंडामली की ग्राम पंचायतों के सरपंच पद और पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिए बोली लगने की शिकायतें मिली थीं। नासिक के उमराने गांव में बोली दो करोड़ रुपये तक लगाई गई। नंदूरबार के खोंडामली में नीलामी की रकम 42 लाख रुपये तक पहुंची। गांव की आबादी के हिसाब से ग्राम पंचायत में 9 से लेकर 18 सदस्य होते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक बयान के मुताबिक आयोग ने जिला अधिकारियों, चुनाव पर्यवेक्षकों और तहसीलदारों से मिली रिपोर्ट का अध्ययन करने और दस्तावेजों और वीडियो देखने के बाद चुनाव प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला किया। यह बात जरूर चौंकाने वाली है नीलामी सरेआम हो रही थी। बोली की पूरी प्रक्रिया को किसी भी तरह से गुप्त नहीं रखा गया। नीलामी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला अधिकारियों और पुलिस को निर्देश दिया है कि वे भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (सी) के मुताबिक संबंधित लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। आरोप है कि कुछ उम्मीदवारों ने कथित रूप से वादा किया था कि अगर वे सरपंच पद के लिए निर्विरोध चुने जाते हैं, तो वे बड़े पैमाने पर गांव के विकास के लिए अपना धन खर्च करेंगे। तो यह एक नया पैटर्न है। धीरे- धीरे यह विधानसभा और लोकसभा स्तर पर भी होने लगे, क्या किसी आश्चर्य होगा!


Next Story