सम्पादकीय

हम मानव और अन्य जीवित प्राणियों के बीच संपर्क को महत्व देते हैं, इसे सीमाओं और रोबोट्स से परे ले जाने की जरूरत है

Rani Sahu
13 Dec 2021 10:20 AM GMT
हम मानव और अन्य जीवित प्राणियों के बीच संपर्क को महत्व देते हैं, इसे सीमाओं और रोबोट्स से परे ले जाने की जरूरत है
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लाइब्रेरी से मुझे जब कोई नई किताब चाहिए होती है

एन. रघुरामनलाइब्रेरी से मुझे जब कोई नई किताब चाहिए होती है तो उसकी वेबसाइट पर जाकर किताब देखता हूं और ऑनलाइन रिजर्व करा देता हूं। फिर किताब पैक होती है और कुरियर बॉय के हाथों घर पहुंचा दी जाती है। वह घंटी बजाता है, मेरे हाथों में किताब सौंपता है, फिर मैं घर के दरवाजे पर रखे लिक्विड से किताब सैनेटाइज करता हूं और वह पुरानी किताब लौटाने का इंतजार करता है। इस बीच मेरे घर से कोई उसके लिए एक गिलास पानी और अगर चाय का समय हुआ तो चाय सर्व करता है और वह लड़का चाय-पानी पीकर थैंक्यू बोलकर चला जाता है।

चाय-पानी का पूछने और आगे बातचीत से एक अलग तरह का जुड़ाव बन जाता है। हम इसे कॉन्टैक्टलेस डिलीवरी कहते हैं, क्योंकि मैं अलमारियों से किताब खोजने के लिए लाइब्रेरी नहीं गया था। अब दक्षिण कोरिया के सियोल चलते हैं, जहां कॉलेज स्नातक किताब ऑनलाइन बुक करते हैं, फिर वह एक लॉकर में डिलीवर होने से पहले स्टरलाइज मशीन में सैनिटाइज होती है, फिर लॉकर से रोबोट किताब निकालकर स्टूडेंट्स को देते हैं। 2020 में दक्षिण कोरिया की सरकार ने 'अनटेक्ट' नीति जारी की, इसका उद्देश्य कदम-कदम पर मानवीय संपर्कों को समाज से कम करके आर्थिक विकास को गति देना था।
महामारी के दौरान इसमें गति आई और यह हेल्थकेयर से लेकर व्यवसाय और मनोरंजन तक सभी क्षेत्रों में तेजी से विस्तार कर रहा है। आज वहां कैफे में रोबोट कॉफी बनाते हैं, रोबोटिक हाथ चिकन को बैटर में लपेटकर उसे उम्दा होने तक तलते हैं। कई अस्पतालों में 5-जी वाले रोबोट हाथों पर सैनिटाइजर छिड़कते हैं, तापमान चैक करने के साथ सामाजिक दूरी का पालन कराते हैं और मास्क पहनने का कहते हैं। दक्षिण कोरिया में बिना कर्मचारियों की या हाइब्रिड दुकानें फल-फूल रही हैं।
एलजी प्लस मोबाइल कंपनी की कई 'अनटेक्ट' फोन दुकानें हैं, जहां ग्राहक मॉडल की तुलना कर सकते हैं, अनुबंध पर दस्तखत के साथ किसी इंसान से वास्ता हुए बिना ही लेटेस्ट फोन खरीद सकते हैं। स्थानीय नागरिक सुविधा देने वाले, आभासी स्पेस 'मेटावर्स' बना रहे हैं, जहां उपयोगकर्ता, डिजिटली मौजूद लोगों, चीजों व सरकारी अधिकारियों के अवतार से बात कर सकते हैं और शिकायतें सुलझा सकते हैं।
कोरियंस को लग रहा है कि 'अनटैक्ट' लोगों को औपचारिकताओं के दबाव और सेवा क्षेत्र में मुस्कुराने व अभिवादन जैसी भावनात्मक वचनबद्धताओं से मुक्त कर रहा है। दिलचस्प रूप से ये रोबोट बुजुर्गों में अकेलापन कम करने के लिए अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट स्पीकर से बात करने में उनकी मदद कर रहा है। संपर्क रहित सेवाएं शायद उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिजाइन हो रही हैं। पर दुर्भाग्य से ये सामाजिक एकजुटता के लिए खतरा हैं और इंसानों को अलग-थलग कर सकती हैं।
अगर आमने-सामने की बातचीत के अभाव में ज्यादा लोगों में संपर्कों का अहसास कम होने लगेगा, तो समाज को सामाजिक एकजुटता के मौलिक संकट का सामना करना पड़ेगा। इस दशक में उद्यमी हमें कई रोबोट्स के 2.0 वर्जन का प्रयोग करने के लिए कहेंगे पर उनके पास, कम से कम अभी, इसके दुष्परिणामों जैसे अकेलेपन, सामाजिक विखंडन की चिंता से उबारने का कोई उपाय नहीं है। जाहिर तौर पर इसका मकसद लाभ व कामगारों की संख्या कम करना है। चाहें या ना चाहें, रोबोट हमारी जिंदगियों पर कब्जा करने वाले हैं।
ये जीवन को और एकाकी बनाएगा। ये नई दुनिया हमें अकेलेपन से बचने के लिए 'वियरेबल्स, सेंसर्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स' जैसे दूसरे विकल्प दे सकती है। पर मेरा यकीन करें वो चीजें हमारी पांचों इंद्रियों की जगह कभी भी नहीं ले सकतीं, जिनके हम आदी हैं। इसलिए जितना हो सके उतना मानवीय संपर्क विकसित करें और आनंद लें। रोजमर्रा में इन आधुनिक रोबोट्स के झांसे में न आएं। फंडा यह है कि हम मनुष्य के रूप में मानव और अन्य जीवित प्राणियों के बीच संपर्क को महत्व देते हैं और उस संपर्क को पारंपरिक स्क्रीन की सीमाओं और रोबोट्स से परे ले जाने की जरूरत है
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