सम्पादकीय

हम धन्य हैं, हमें धिक्कार है

Subhi
16 Oct 2022 5:17 AM GMT
हम धन्य हैं, हमें धिक्कार है
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एक मुसलिम क्रिकेटर ने दशहरे पर ‘बधाइयां’ दीं, तो जवाब में ‘ट्रोलिंग’ पाई, गालियां खाई! हे ‘गंगा-जमुनी संस्कृति’, तेरी दुहाई! कर्नाटक पहुंचते ही राहुल भैया ‘नफरत’ से लड़ते-लड़ते सावरकर से लड़ने लगे, तो सावरकर भक्त उनसे लड़ने लगे। नफरत का सिद्धांत ऐसा ही है: नफरत से लड़ते हैं, तो नफरत बढ़ती है!

सुधीश पचौरी; एक मुसलिम क्रिकेटर ने दशहरे पर 'बधाइयां' दीं, तो जवाब में 'ट्रोलिंग' पाई, गालियां खाई! हे 'गंगा-जमुनी संस्कृति', तेरी दुहाई! कर्नाटक पहुंचते ही राहुल भैया 'नफरत' से लड़ते-लड़ते सावरकर से लड़ने लगे, तो सावरकर भक्त उनसे लड़ने लगे। नफरत का सिद्धांत ऐसा ही है: नफरत से लड़ते हैं, तो नफरत बढ़ती है!

इसके बाद एक शाम 'रबर स्टांप' पर कुछ 'रबर स्टांपी' चर्चाएं दिखीं। एक पक्ष कहिन कि वे तो 'रबर स्टांप' होंगे, तो दूसरा पक्ष कहिन कि हमारे 'रबर स्टांप', तो आपके 'नागपुर स्टांप'! लेकिन हाय री पूंजी! भैया जी से नित्य-निंदित एक 'क्रोनी पूंजीपति' एक दिन राजस्थान पहुंचे और ऐलान कर दिए कि राजस्थान में बड़ी पूंजी निवेश करेंगे… एक पत्रकार ने भैया जी से पूछ लिया कि आप जिनको 'क्रोनी कैपिटलिस्ट' कह कर निशाना साधते रहे, वही 'क्रोनी' आपके ही राज्य में निवेश करने जा रहा है, तो भैया जी कहिन कि हम 'इजारेदारी' के खिलाफ हैं, 'कारपोरेट' के नहीं! हाय! एक दिन 'क्रोनी' दूसरे दिन 'माई जानी'!

फिर एक दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'आबादी नियंत्रण की जरूरत' कह कर 'बर्र के छत्ते' में हाथ दे दिया। इसके बाद तो हर चैनल पर 'बर्र ही बर्र थीं, जो देर तक 'बर्र बर्र' करती रहीं कि अल्पसंख्यकों को लक्ष्य बनाया जा रहा है… अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में गिरावट है… वह तो निरोध का इस्तेमाल करते हैं… जवाब में कुछ देशभक्त बर्रें बोलती रहीं कि संसाधन कम हैं, आबादी बढ़ती रही तो कैसे चलेगा…?

फिर एक दिन कुछ 'तमिल ज्ञानियों' ने 'चोला राजाओं' को 'शैव बता कर भी हिंदुओं से अलगा कर 'हिदू बरक्स शैव' की छद्म बहस पैदा कर दी! जवाब में कई विद्वानों ने डीएमके के तर्कों को एक-एक करके सप्रमाण काटा कि 'हिंदू शैवम् नहिं कछु भेदा!' इसमें हारे तो डीएमके के नेता तमिल संस्कृति पर हिंदी को थोपने की 'साजिश' को कोसते दिखे।

संग में कर्नाटक के नेता कुमारस्वामी ने 'हिंदुस्तान' को 'हिंदीस्तान' बना कर,'हिंदी' को भी 'हिंदू' बना दिया! केरल के सीएम विजयन ने पीएम को एक विरोध-पत्र लिख डाला! जवाब देने वाले कुछ तमिल नेताओं ने कहा कि डीएमके के नेता अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ऐसे 'विभाजनकारी' मुद्दे ढूंढ़ते रहते हैं! यह 'अ-हिंदूकरण' की 'साजिश' है!

इस बीच यूपी वाली 'सपा' के 'नेताजी' पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया तो नफरत की भाषा ने कुछ देर विराम लिया। पीएम से लेकर हरेक ने श्रद्धांजलियां अर्पित कीं! अंतिम संस्कार के वक्त सैफई में सचमुच बड़ी भीड़ दिखी! सब नेता नेताजी का गुणगान करते थे! जिन्हें कल तक 'कारसेवकों' पर गोली चलाने का 'अपराधी' कहा जाता था, वही अब सबकी नजर में 'वंदनीय', 'जमीन से उपजे', 'सहज, सरल' और 'बड़े दिलवाले' थे!

इसके बाद एक शाम उज्जैन के 'महाकाल महालोक' की खबरें चैनलों में छाई रहीं! पीएम ने 'महाकाल' के इस विराट 'महालोक' का लोकार्पण किया। उनके साथ चलते कैमरों ने भी महालोक की भव्यता दिव्यता के सीधे दर्शन कराए! लेकिन केरल से आईं 'नरबलि' की खबरों ने सबको हिला दिया। 'ईश्वर के राज्य' में भी ऐसे नरभक्षी? बहरहाल, तीनों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और जांच जारी है!

और फिर एक दिन एक विज्ञापन ने 'हिंदू भावनाओं' को आहत किया: 'वर' बने आमीर खान ने 'वधू' बनीं कियारा आडवाणी के घर जाकर 'गृहप्रवेश' किया। इस पर हाय हाय होने लगी कि यह प्रवेश 'गृहप्रवेश' की परंपरा के विपरीत है! एक चैनल पर एमपी के एक मंत्री जी ने आपत्ति दर्ज की- सिर्फ हिंदू परंपराओं से ही खिलवाड़ क्यों किया जाता है?

और अंत में 'हिजाब' को लेकर सर्वाेच्च अदालत के दो जज महोदयों की पीठ के 'विभक्त फैसले' ने मामले का हल निकालने की जगह विवाद को और जिंदा कर दिया! एक जज महोदय का फैसला रहा कि 'हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट का आदेश सही है', तो दूसरे जज महोदय का फैसला रहा कि हिजाब की वजह से लड़कियों को पढ़ाई से वंचित करना उचित नहीं! अब मामला जाना है और बड़ी पीठ के पास! तब तक चलते रहना है विवाद!

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