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- 'हम सब एक हैं'
आदित्य चोपड़ा: कोरोना संक्रमण से जब पूरे देश में चार लाख से ऊपर लोग 24 घंटे मे संक्रमित हो रहे हैं और चार हजार के करीब मौतें हो रही हैं तो प्रश्न उठना लाजिमी है कि देश का स्वास्थ्य तन्त्र इस महामारी के प्रकोप को झेलने में कहां तक समर्थ है? यदि पूरी दुनिया में कोरोना से हुई मौतों में हर चार में से एक आदमी भारतीय है तो यह सोचने पर विवश होना ही पड़ता है कि भारत अपने स्वतन्त्र इतिहास में अभी तक की सबसे बड़ी चिकित्सा त्रासदी से गुजर रहा है। इस त्रासदी का मुकाबला हमें अब सभी आपसी मतभेद भुलाते हुए इस तरह करना होगा कि मानव जात पर आयी इस विपदा को समाप्त किया जा सके। सबसे पहले हमें वे उपाय करने होंगे जो हमारे हाथ में हैं। आक्सीजन की कमी के कारण जिन लोगों की मौत हो रही है सबसे पहले उस कमी को पूरा करना होगा और इस प्रकार करना होगा कि कहीं किसी सुदूर ग्रामीण इलाके में भी इसकी वजह से किसी व्यक्ति की मृत्यु न हो सके। यह विडम्बना ही कही जायेगी कि देखते- देखते ही कोरोना ने हमें इतना लाचार बना दिया कि हम औषध निर्यातक मुल्क से इसके आयातक मुल्क हो गये।