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- क्या इंदिरा गांधी को...
संयम श्रीवास्तव। तारीख थी 9 जून 1964, देश को 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) को भारत का दूसरा प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. 27 मई 1964 को जब नेहरू ने अपनी अंतिम सांसे लीं उसके बाद से ही देश-विदेश के तमाम अखबारों में यह खबर छपने लगी थी कि Who After Nehru? जहां इस सवाल का जवाब देश भर की जनता और नेता तलाश रहे थे. दूसरी ओर कांग्रेस के कद्दावर नेता मोरारजी देसाई (Morarji Desai) जो नेहरू के बाद पार्टी में सबसे बड़े नेता माने जाते थे, उन्हें मालूम था कि उन्हें ही अब देश का अगला प्रधानमंत्री बनना है. लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थे लाल बहादुर शास्त्री और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष के. कामराज. यह सही भी था क्यों कि के कामराज (K. Kamaraj) के मन में तो कुछ और ही चल रहा था. माहिषमति साम्राज्य के कटप्पा की तरह उनके मन में नेहरू परिवार के वंश को आगे ले जाने की प्लानिंग चल रही थी. कामराज जानते थे कि अगर मोरराजी देसाई जैसा कोई महात्वाकांक्षी नेता प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ गया तो नेहरू परिवार के किसी भी वंशज को गद्दी पर बैठना नामुमिकन हो जाएगा.