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- वीपी सिंह, मुफ्ती,...
कश्मीर पर आगे बढ़ें उससे पहले कलियुगी हिंदू, कलियुगी भारत रचना में झूठ की नियति को बूझने के लिए इन चंद शब्दों का अर्थ-अनुभव याद करें- धर्मनिरपेक्षता, कश्मीरियत, इंसानियत, एक्सोडस (exodus- निर्गमन-विदाई), फ्ली (flee- भागना), 'एथनिक क्लींजिंग' (Ethnic cleansing- जातीय सफाया), मैसकर (massacre- जातीय संहार, कत्लेआम) व हॉलोकास्ट (holocaust- सर्वनाश)। सोचें, इन आठ शब्दों में किसका अर्थ-सत्य कश्मीर घाटी में हिंदुओं के अनुभव में सच्चा व सटीक है? क्या मुसलमान से कश्मीरी पंडितों को धर्मनिरपेक्षता, कश्मीरियत, इंसानियत का अनुभव हुआ? क्या घाटी में अब मौजूद इस्लामियत को धर्मनिरपेक्षता, कश्मीरियत, इंसानियत का पर्याय मानेंगे? क्या 19 जनवरी 1990 की आधी रात में श्रीनगर की मस्जिदों से अल्लाह हो अकबर, काफिरों इस्लाम अपनाओ, नहीं तो भागो, मरो के नारों व सड़कों पर मुसलमानों ने शोर बनाकर (जैसे जंगल में शिकार के लिए हांका लगता है) कश्मीरी पंडितों को इकठ्ठा कर भगाया, मारा और घाटी को हिंदुओं से खाली कराया गया उसे कश्मीरी पंडितों का एक्सोडस (घाटी से विदाई), फ्ली (घाटी से भागना) कहेंगे या इतिहास की वह घटना 'एथनिक क्लींजिंग' (जातीय सफाए), मैसकर (जातीय संहार, कत्लेआम) व हॉलोकास्ट (सर्वनाश) शब्द के अर्थ की पर्याय हैं?