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- मतदाताओं के जोश का...
चार राज्यों में से दो असम व प. बंगाल में आज मतदान का पहला चरण पूरा हो गया। मतदाताओं में मतदान को लेकर प्रदर्शित किये गये जोश से भारत में लोकतन्त्र का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित कहा जा सकता है क्योंकि भारत को आजाद हुए 74 वर्ष बीत जाने के बाद यहां के लोगों को अपने एक वोट के अधिकार की कीमत का पूरा अंदाजा हो चुका है। प. बंगाल में बेशक आठ चरणों में चुनाव हो रहा है, जबकि असम में तीन चरणों में यह पूरा होगा परन्तु यह भी सर्वविदित है कि इन दोनों राज्यों की राजनीति कहीं न कहीं एक-दूसरे पर थोड़ी बहुत प्रभाव डालती है।
असम में भाजपा की सरकार काबिज है और प. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ममता दीदी की। दोनों ही राज्यों में सत्तारूढ़ दलों के विरोधी दल चुनावों में 'परिवर्तन' की अलख जगा रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि असम में यह कार्य कांग्रेस कर रही है जबकि प. बंगाल में भाजपा इस भूमिका में है। मगर प. बंगाल के बारे में शोर-शराबा इसलिए अधिक हो रहा है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को राज्य की कुल 42 सीटों में से 18 पर विजय मिल गई थी, जिसकी अपेक्षा तब किसी ने नहीं की थी।
भाजपा इन विधानसभा चुनावों को लोकसभा के तेवरों के साथ लड़ रही है और इसकी तरफ से प्रधानमन्त्री से लेकर गृहमन्त्री, रक्षामन्त्री व अन्य केन्द्रीय मन्त्री तथा कुछ दूसरे राज्यों के मुख्यमन्त्री तक चुनाव प्रचार कर रहे हैं। भाजपा का मुकाबला ममता दी अपने बूते पर इस प्रकार कर रही हैं जिससे लगे कि उन्हें भाजपा चारों तरफ से घेरना चाहती है।