सम्पादकीय

मत का दान हमारा अभिमान

Gulabi
21 Dec 2021 2:33 PM GMT
मत का दान हमारा अभिमान
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ईश्वर द्वारा प्रदत्त जीवन प्रकृति की अनेक देनों से भरपूर है
ईश्वर द्वारा प्रदत्त जीवन प्रकृति की अनेक देनों से भरपूर है. हवा, पानी, भोजन, सूर्य की किरणें, चांद की चांदनी पर हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. इन अधिकारों की श्रृंखला में एक अधिकार और सुरक्षित है, जो बेहद महत्वपूर्ण है और वह है हमारा वोट. हम भाग्यशाली हैं कि हम स्‍वतंत्र भारत के नागरिक हैं, हमें वोट डालने का अधिकार मिला है, हमारा वोट हमारी शान है, हमारा अभिमान है और यही वोट अच्छी सोंच और उच्च मानसिकता की पहचान है. अपने और देश के लिए एक ऐसा व्यक्ति चुनना, जिस पर सब गर्व कर सकें, जो सबकी आशाओं पर खरा उतर सके, जिससे समाज और देश का भला हो, राष्ट्र प्रगति कर सके, यह सब कुछ हमारे मत पर निर्भर है.
हमारा मत हमें यह दर्शाता है कि हमारी हस्ती अमिट है, हम असाधारण हैं, हम चाहें तो सत्ता बना सकते हैं, ना चाहें तो मिटा सकते हैं. इतिहास गवाह है कि संगठन में कितनी शक्ति है, कण-कण चुनकर चींटी अपने लिए भोजन तैयार कर लेती है, बूंद-बूंद से घड़ा भर जाता है, अमृत की एक बूंद जिंदगी दे जाती है, जब की जहर की बूंद मृत्यु की गोद में पहुंचा देती है, इसलिए एक मत को कभी कम नहीं आंकना चाहिए. एक-एक मत की सख्ंया ही सौ, हजार, लाख होती जाती है, इसलिए मत देना कितना जरुरी है इसका आकलन करें.
आप सामान्य व्यक्ति हैं या उच्च पद वाले जब-जब भी चुनाव होते हैं, आपकी गणना होती है, आपका सम्मान होता है, आप का भी फर्ज है अपने देश के प्रति वफादार रहें और वोट जरुर डालें. ये आपका अधिकार है, इसका अवश्य प्रयोग करें. समाज की जागरूकता व रुझान के लिए सभी नागरिकों से ये उम्मीद की जाती है कि वे अपने व्यस्ततम क्षणों में भी समय निकालकर, आलस्य त्याग कर अपनी रुचि का अपने हितों का ख्याल रखने वाली शख्सियत को चुनने के लिए घर से अवश्य निकलें. किसी लालच या लोभ के प्रति आकृष्ट होकर अपने मत का दुरुपयोग ना करें.
अल्प धनराशि व अन्य किसी प्रलोभन में आकर दिया गया आपका मत कहीं आपको ही संकट में ना डाल दे, क्यांेकि आप जिसे सत्ता पर बिठाने जा रहें हैं, वह अयोग्य आपकी लालची प्रवृति के कारण देश को कई साल पीछे ना धकेल दे. हालांकि कहना अनुचित नहीं होगा कि कई बार जिसे हम चुनते हैं वह हमारे अनुकूल ना भी हो, लेकिन विवेक का सहारा लेकर अच्छे की पहचान करना हमें आता है, अपने सामान्य जीवन में भी हम गुण-अवगुण की पहचान कर लेते हैं, तभी किसी की ओर मित्रता का हाथ बढ़ाते हैं, कुछ खरीदते हैं तो अच्छे से मोल-भाव करते हैं.
यहां सवाल देश के भविष्य का है, इसलिए चुनाव के समय में भी कुशाग्र बु़िद्ध व पैनी दृष्टि को ध्यान में रखकर अपना मत जरुर डालें. बदलते दौर में कहो या राजनीति के क्षेत्र में राजनीति सदैव दांव पेचों का गलियारा है, यहां कुछ भी सम्भव है. कुछ पक्ष गलत हथकंडे अपनाकर मतों का दुरुपयोग करते और कराते हैं, मतों की निष्पक्षता पर भी उंगली उठाते हैं, खुद गलत होकर दूसरों की स्वच्छ छवि को धूमिल करतें हैं. ऐसे मंे, सुनागरिक की परिभाषा को सही सिद्ध करते हुए स्‍वयं को वोट डालने के लिए तैयार करें आज भी कुछ लोगों में मत के प्रति जागरूकता नहीं है.
ग्रामीण परिवेश में भी महिलाएं कम जानकारी के अभाव में मत के महत्व को समझ नहीं पाती और बहकावे में या पति, बेटे के दवाब में किसी को भी वोट दे देती हैं. नहीं जानती कि जिसे वो वोट दे रही हैं वह सुपात्र है भी या नहीं, बिना सोचे विचारे डाला गया वोट उनके अस्तित्व को प्रकाश में आने ही नहीं देता. ऐसे ही कुछ व्यक्ति मत के प्रति उदासीनता अपना लेते हैं, उन्हें फर्क ही नहीं पड़ता, वो वोट डाले या ना डालंे वे घर से निकलने का प्रयत्न ही नहीं करते.ये सरासर गलत है जो आपका अधिकार है उसे यूं जाया मत कीजिए.
अपने दैनिक जीवन में आप रोज घर से बाहर जाते हैं, जाम भी मिलता है, परेशानियां भी आती हैं, फिर भी आप अपना काम करके ही लौटते हैं. भारत के नागरिक होने के नाते कम से कम एक दिन के लिए सारे काम छोड़कर मत अवश्य डालें. अतीत के गौरव पर दृष्टि डालें सुशासन कुशासन का मूल्यांकन करें, जब-जब योग्य व्यक्तियों ने सत्ता संभाली है प्रजा के हित में जान लगा दी है, स्वार्थ से उठकर परमार्थ के लिए कार्य किया है, आज भी आपका मत बहुमूल्य हैं, बहुमूल्य चीजों की कीमत को परखकर उनका प्रयोग करें.
जाति, धर्म, धन लोभ व लालच से ऊपर उठकर स्वहित, जनहित, समाज हित व राष्ट्रहित में अपने कीमती मत का प्रयोग करें. आजकल विद्यालय हर विषय के लिए असंख्‍य प्रतियागिताएं कराते हैं. मत के प्रति जागरुकता के लिए भी स्लोगन, भाषण, पेंटिंग नुक्कड़ नाटक हो रहें हैं, अभिभावक जागरुकता हेतु कक्षाएं लगाई जाती हैं. जगह-जगह मीटिंग, अनेक तैयारियां, यहां तक कि सैल्फी प्वाइंट बनाए जा रहें हैं. एक भी व्यक्ति वोट देने से छूट ना जाए इस हेतु प्रयत्न किये जा रहें हैं, घर-घर में वोट की महत्ता के बारे में विभिन्न माध्यमों से समझाया जा रहा है.
बहुत से व्यक्ति कहते हैं एक वोट से क्या कमी आ जाएगी. कमी आ जाएगी, क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं. आप नींव की ईंट हैं आपको अपनी पहचान को कायम रखना होगा. 25 जनवरी मतदान दिवस के रुप में जाना जाता है, मत के प्रति अपना व दूसरों का रुझान पैदा करें. आप से जो बन पड़े मत के लिए लोंगों को जागरुक करें और स्वयं भी उत्साहित रहें. कुछ देशों में मोबाइल वैन होने से मत डालने की प्रक्रिया काफी आसान हो गयी है. विकसित देशों ने इसे अपनाया भी है, भारत जैसे विकासशील और बहुसंख्‍या वाले देश में भी यह प्रक्रिया आये और इसका सम्मान हो.
हमारी इच्छा है और सुझाव भी है, जैसे आज के समय में सब कुछ डिजिटल है, ऐसे में मत डालना भी फोन के द्वारा ही संभव हो जाए, जिससे अपने क्षेत्र व देश से दूर बैठे व्यक्ति भी अपने वोट का प्रयोग कर सकें और अपनी अनुपस्थिति को उपस्थिति में बदल सकें. अपने वोट ना दे पाने के अहसास से दुखी ना हों, मत देना सबका अभिमान बन जाए.


(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए जनता से रिश्ता किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)
रेखा गर्ग लेखक
समसामयिक विषयों पर लेखन. शिक्षा, साहित्य और सामाजिक मामलों में खास दिलचस्पी. कविता-कहानियां भी लिखती हैं.
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