सम्पादकीय

विराग गुप्ता का कॉलम- मस्क जिन नियमों की ट्विटर में मांग कर रहे हैं, उन्हें स्वयं ही टेस्ला में लागू नहीं करते

Gulabi Jagat
21 April 2022 8:53 AM GMT
विराग गुप्ता का कॉलम- मस्क जिन नियमों की ट्विटर में मांग कर रहे हैं, उन्हें स्वयं ही टेस्ला में लागू नहीं करते
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एलन मस्क ने पृथ्वी और अंतरिक्ष पर विजय पताका लहराने के लिए ट्विटर के अधिग्रहण का शिगूफा छोड़ा
विराग गुप्ता का कॉलम:
एलन मस्क ने पृथ्वी और अंतरिक्ष पर विजय पताका लहराने के लिए ट्विटर के अधिग्रहण का शिगूफा छोड़ा है। जब कोविड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तबाही मचा रहा था, तब फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में कुलांचे मारते हुए मस्क पहले पायदान पर आ गए। मस्क की संपत्ति पिछले दो सालों में 10 गुना बढ़कर 264 अरब डॉलर से ज्यादा की हो गई है।
मस्क ने इस साल के शुरुआती तीन महीनों में 2.64 अरब डॉलर में 9.2 फीसदी शेयर खरीदने के बाद अब ट्विटर की पूरी कंपनी खरीदने के लिए 43 अरब डॉलर का प्रस्ताव दिया है। यह रकम श्रीलंका को मिल जाए तो पूरे देश का 45 अरब डॉलर का कर्ज खत्म हो सकता है। ट्विटर समेत किसी भी कंपनी पर नियंत्रण के लिए उसके सौ फीसदी शेयरों को खरीदना जरूरी नहीं है और यह संभव भी नहीं है। अगर सिर्फ व्यापारिक मुनाफे के लिहाज़ से देखें तो मस्क का दांव सफल रहा।
उनके शेयरों की कुल कीमत में 50 फीसदी बढ़ोतरी होने की खबरें हैं। इस विवाद का सरलीकरण करते हुए यह भी कहा जा रहा है कि दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अमेजन कंपनी के मालिक जेफ बेजोस के पास वाशिंगटन पोस्ट अखबार का नियंत्रण है तो उनसे एक कदम आगे बढ़कर मस्क ने ट्विटर को खरीदने की ठानी है। ट्विटर में अब मस्क के पास सऊदी अरब के प्रिंस और मॉर्गन स्टैनली से ज्यादा बड़ी शेयरहोल्डिंग हो गई है। इस नाते ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने ट्विटर के निदेशक-मंडल में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे मस्क ने ठुकरा दिया।
मस्क के अनुसार ट्विटर उनकी प्राइवेट कंपनी बने तभी फ्री स्पीच सुनिश्चित हो सकेगी। इसलिए ट्विटर से बाहर रहकर मस्क दुनिया में बादशाहत कायम रखने के लिए क्या नया गेम खेल रहे हैं, उसे समझना जरूरी है। दुनिया में चीनी और स्पैनिश ज्यादा बोले जाने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय संचार की भाषा अंग्रेजी है। उसी तरीके से फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच ट्विटर अनूठा है।
ट्विटर दूसरी सोशल मीडिया कंपनियों से इस मायने में भी अलग है कि इसके सीईओ और प्रोफेशनल मैनेजमेंट करने वालों दूसरे एग्जीक्यूटिव के पास नगण्य शेयर्स हैं, जबकि फेसबुक जैसी दूसरी सोशल मीडिया कंपनियों में प्रमोटर और बड़े शेयरहोल्डर्स ही कंपनी को मैनेज कर रहे हैं। इसलिए अनेक खामियों के बावजूद ट्विटर प्लेटफार्म से पब्लिक पॉलिसी और अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमेसी का निर्धारण होता है। बड़े स्टेकहोल्डर होने के साथ ट्विटर में मस्क के पास प्रधानमंत्री मोदी से ज्यादा फॉलोअर हैं।
टेक कंपनियां दुनिया के सभी देशों की सरकारों की नीतियों को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने के साथ जनता के रुझानों को बदलने लगी हैं। ट्विटर की नीतियों, एडिटिंग की सुविधा और एलगाेरिदम पर नियंत्रण करके ट्रम्प जैसे लोगों के साथ मिलकर मस्क एक नए प्लेटफार्म का रास्ता भी तलाश रहे हैं। सीडीपी की रिपोर्ट के अनुसार 100 बड़ी कंपनियां दुनिया में हो रहे 71 फीसदी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
मस्क को सबसे भारी मुनाफा देने वाले इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी और क्रिप्टो माइनिंग से पर्यावरण को कितनी क्षति पहंुचती है, इसका कोई खुलासा नहीं होता। मस्क का मानना है कि धरती पर इंसानों का संकट बढ़े तो अंतरिक्ष पर बस्तियां बसाने का उनका प्रोजेक्ट और मुनाफा दोनों बढ़ेगा। मस्क पारदर्शिता के जिन नियमों की ट्विटर में मांग कर रहे हैं, उन्हें अपने स्वामित्व वाली टेस्ला कंपनी में स्वयं लागू नहीं करते।
ट्विटर में किए निवेश से मस्क अपने तीन बड़े कारोबारों को आसमानी ऊंचाई में ले जाना चाहते हैं- पहला है, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी), दूसरा है क्रिप्टो करेंसी और तीसरा है सैटेलाइट इंटरनेट। मस्क का दुनिया में रुतबा कायम रहे, इसके लिए वे कारोबारी जुगाड़ और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की जुगत से ट्विटर की चहचहाहट को प्राइवेट पिंजरे में कैद करना चाह रहे हैं।
ट्विटर में निवेश से मस्क अपने तीन बड़े कारोबारों को ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं- इलेक्ट्रिक व्हीकल, क्रिप्टो करेंसी और सैटेलाइट इंटरनेट। दुनिया में रुतबा कायम रहे, इसके लिए वे कारोबार और एआई की जुगत से ट्विटर को कैद करना चाह रहे हैं।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)
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