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![विजयी विश्व तिरंगा प्यारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/07/24/1821075-5.webp)
सुधीश पचौरी: जैसे ही 'आइएसआइ के जासूस' पाक पत्रकार नुसरत मिर्जा ने कहा कि वह पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद साहब के न्योते पर भारत आया, तो कई चैनलों ने पूर्व राष्ट्रपति को कठघरे में खड़ा किया। एक भाजपा प्रवक्ता ने उनको 'हैबिचुअल अफेंडर' तक कह दिया। जब पूर्व उप राष्ट्रपति ने ऐसे आरोपों का खंडन किया तो प्रवक्ता ने वे फोटो भी दिख दिए, जिनमें वे मंच पर नुसरत के साथ बैठे थे!
जाहिर है, ऐसे हर आरोप को सुन कर आरोपित के पक्षकार एक ही बात कहते हैं कि आप जांच करिए न, और जांच होती नहीं। इसे कहते है: आरोप चिपकाओ और रकीबों को रक्षात्मक बनाओ!
अगले रोज भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कान्फ्रेंस में सीतलवाड़ को आरोपित करने वाली एसआइटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि सीतलवाड़ को मरहूम अहमद पटेल से पैसे मिले… लेकिन कमान सोनिया जी के हाथ में थी… सीतलवाड़ राज्यसभा में आ गई होतीं, लेकिन विघ्न पड़ गया। संबित कहते कि हमें जयराम रमेश से नहीं, सोनिया जी से जवाब चाहिए! जवाब दिया अहमद पटेल की बेटी ने कि बाईस साल बाद मेरे पिता पर लांछन लगाए जा रहे हैं, मेरे पिता पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
इसी बीच 'गांधी स्मृति' की पत्रिका 'अंतिम जन' के एक अंक को वीर सावरकर पर केंद्रित कर भाजपा ने फिर बर्रे के छत्ते में हाथ डाल दिया। विपक्ष कहता कि कहां गांधी, कहां सावरकर? एक उदारवादी, दूसरा अनुदारवादी… एक सर्वजनवादी, दूसरा परम हिंदूवादी… ये गांधी की वैशाखी के सहारे ही सावरकर को चढ़ाना चाहते हैं!
चैनलों की अगली शाम जीएसटी काउंसिल द्वारा पैक्ड दही, मुरमुरे आदि पर पांच प्रतिशत टैक्स लगाने पर उठी हाय हाय में गुजरी। विपक्ष कहता कि मामूली आदमी की चीजों पर भी टैक्स! हाय हाय… महंगाई हाय हाय! भाजपा प्रवक्ता कहता कि विपक्ष कांउसिल में 'बढ़ाने' की बात करता है और बाहर आकर विरोध करता है।
फिर एक दिन विपक्ष बिना 'होमवर्क' के आरोप लगा बैठा कि 'अग्निपथ' की भर्ती में 'जाति' पूछी जा रही है तो रक्षामंत्री ने साफ किया कि सब कुछ नियमों के अंतर्गत हो रहा है। ये नियम पहले भी थे!
इस बीच हरियाणा के खनन माफिया ने एक डीएसपी को ट्रक के नीचे कुचल कर मार/ मरवा दिया! इसी तरह एक दिन अटारी सीमा पर मूसेवाला के हत्यारों से पुलिस बल की पांच घंटे मुठभेड़ चली, लेकिन इन खबरों ने बहसों में खास जगह न पाई! इसी तरह केरल के एक परीक्षा केंद्र में नीट की प्रवेश परीक्षा में लड़कियों से 'इनर वीयर' उतरवाने की हरकत की खबर भी कम सनसनीखेज नहीं थी, लेकिन तुरंत प्रशासनिक कार्रवाई ने विवाद की जगह न छोड़ी!
फिर एक दिन अपने राष्ट्रवादी एंकर ने जोर-जोर से बताना शुरू किया कि 'नेशनल स्टाक एक्सचेंज' में जासूसी की जाती रही, शेयरों के दामों को इधर-उधर किया जाता रहा… यह इतना बड़ा घोटाला है कि सीडब्लूजी वाला घोटाला इसके आगे कुछ नहीं… इसमें कुछ बहुत बड़े नेता और उनके परिवार शामिल हैं, लेकिन अभी हम नाम नहीं बताएंगे, लेकिन जल्दी बताएंगे… दो-तीन दिन गुजर गए लेकिन नाम अब तक न आए!
इस बीच संसद का कामकाज लगातार ठप रहा। विपक्ष कहता कि महंगाई, बेरोजगारी पर बहस क्यों नहीं कराती। सरकार कहती कि भई, सदन के अंदर बैठो तो बहस हो, लेकिन आप तो अंदर बैठते ही नहीं और गांधी जी की प्रतिमा के आगे बैठ कर भोजन करते हैं!
इस बीच फिर भाजपा ने 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' कविता की याद दिला दी और आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में नौ से पंद्रह अगस्त तक 'हर घर तिरंगा' नारा देकर विपक्ष को उकसा दिया और लीजिए, विपक्ष उसी तरह उकस भी लिया जिस तरह भाजपा ने चाहा।
एक कांग्रेसी नेता कहता कि तिरंगा ठीक, लेकिन 'जबरिया' ठीक नहीं! भाजपा कहती कि तिरंगा भाजपा का नहीं है, बल्कि देश की आत्मा है, देशभक्ति का प्रतीक है, इससे किसी को क्या ऐतराज? कांग्रेस कहती कि ये हमें 'देशभक्ति' न सिखाएं…
एक क्रांतिकारी चैनल भारत के लाखों नागरिकों द्वारा विदेशों में नागरिकता लेने के कारण तलाशने में लगा रहा। जब एक ने कहा कि लोग यहां 'घुटन' में हैं, इसलिए जा रहे हैं तो दूसरे ने जवाब दिया कि यार, सब 'डालर' कमाने जाते हैं, पहले भी जाते रहे हैं…
इस बीच ईडी ने सोनिया जी को पूछताछ के लिए बुलाया तो कांग्रेसी वीरमुद्रा में आ गए कि हम नहीं डरते… ये सब बदले की कार्रवाई है!
इसी बीच नए राष्ट्रपति के चुनाव परिणाम आ गए और एनडीए की उम्मीदवार 'पहली आदिवासी महिला' द्रौपदी मुर्मू जी ने विपक्ष के उम्मीदवार को अच्छे अंतर से हरा दिया! हारे उम्मीदवार यशवंत सिन्हा जी ने मुर्मू को बधाई तो दी, लेकिन अकुंठ बधाई न दे सके!