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- भारत में कोरोना संकट...
विवेक ओझा। बीते दिनों लक्षद्वीप में अमेरिका द्वारा भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र के उल्लंघन और हाल में भारत को करेंसी मैनिपुलेटर देश की सूची में डालने के बाद से अमेरिका की सोच के बारे में कुछ अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा था कि क्या वह भारत में कोविड की दूसरी घातक लहर के बीच स्वास्थ्य सहयोग करेगा या निष्ठुर बना रहेगा। दरअसल अमेरिका ने कोरोना वैक्सीन के उत्पादन में काम आने वाले प्रमुख कच्चे माल के भारत को निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसने तर्क दिया था कि उसका पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की जरूरतों को देखना है। लेकिन अब दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के मध्य बनी सहमति के बाद अमेरिकी व्हाइट हाउस ने बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि अमेरिकी एनएसए जैक सुलिवान ने भारत के साथ एकजुटता जाहिर की है। दोनों देशों की सात दशकों की स्वास्थ्य साझेदारी है जिसमें पोलियो, एचआइवी और स्मॉलपॉक्स के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई। अब दोनों देश कोरोना वायरस के खिलाफ भी साथ लड़ाई जारी रखेंगे।