सम्पादकीय

टीका ही है बचाव

Triveni
6 July 2021 4:09 AM GMT
टीका ही है बचाव
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ब्रिटेन दुनिया के उन देशों में है, जहां सबसे ज्यादा टीकाकरण हुआ है।

ब्रिटेन दुनिया के उन देशों में है, जहां सबसे ज्यादा टीकाकरण हुआ है। इसके बावजूद अब अब देश पर कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। ब्रिटेन में ताजा लहर की वजह कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट बना है। और यही वजह है कि अब दुनिया ब्रिटेन को एक टेस्ट केस के रूप में देख रही है। विशेषज्ञ ये चेतावनी दे चुके हैं कि अब दुनिया भर में डेल्टा वैरिएंट की मुख्य वैरिएंट हो गया है। स्वाभाविक है कि ब्रिटेन में इसकी वजह से कैसे हालात बनते हैं, उसे देखने में पूरी दुनिया की दिलचस्पी है। गौरतलब है कि ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बना है, जहां टीकाकरण की दर ऊंची है, फिर भी जहां कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रामक माना जा रहा डेल्टा वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। मगर इस बीच राहत की कोई बात है, तो वो यही कि जो लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनकी स्थिति उतनी गंभीर नहीं हो रही है, जैसा पहले हुआ था। पिछले दिनों एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने ध्यान दिलाया कि मार्च और अप्रैल में नए मामलों के साथ मृत्यु की जो दर थी, अभी वो दर उससे बहुत कम है।

वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को शायद ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। यानी वैक्सीन ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने और मृत्यु के बीच के संबंध को तोड़ दिया है। यही सभी देशों के लिए काम का सबक है। अगर कोरोना वायरस के खतरों से बचना है, तो तेजी से टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है। यही सबक सिंगापुर से भी मिला है। सिंगापुर अब कोरोना वायरस के साथ ही सामान्य जिंदगी जीने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए वहां एक दृष्टि-पत्र में लॉकडाउन और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के उपायों को खत्म करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही उसने क्वैरैंटीन मुक्त यात्रा और तमाम तरह के मेल-जोल की इजाजत देने का सुझाव भी पेश किया है। लेकिन इस दृष्टि पत्र को तैयार करने वाले विशेषज्ञों के टास्क फोर्स ने यह भी कहा है कि महामारी के प्रति अगंभीर नजरिया अपनाना तभी संभव होगा, जब टीकाकरण की दर ऊंची हो। सिंगापुर ऐसा करने में सफल रहा है। इसलिए वहां यह सोच अपनाने की योजना बनाई जा रही है कि दूसरी बीमारियों की तरह कोविड-19 संक्रमण भी बना रहेगा और जिंदगी भी चलती रहेगी।


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