सम्पादकीय

खौफ के बीच बच्चों का टीका

Subhi
22 Aug 2021 2:38 AM GMT
खौफ के बीच बच्चों का टीका
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आंकड़ों के हिसाब से कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती दिखाई दे रही है लेकिन महामारी अभी पूरी तरह गई नहीं है।

आंकड़ों के हिसाब से कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होती दिखाई दे रही है लेकिन महामारी अभी पूरी तरह गई नहीं है। पिछले दिनों हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में स्कूल खोलने की कवायद शुरू की गई। कई राज्यों में दसवीं-बारहवीं के बच्चों की पढ़ाई शुरू करवाई गई, फिर कक्षा 6 से ऊपर के बच्चों को बुलाना शुरू हुआ। पंजाब और हिमाचल के कुछ स्कूलों में स्कूली बच्चों के कोरोना की चपेट में आने से हिमाचल के स्कूलों में बच्चों को बुलाने का फैसला 22 अगस्त तक टालना पड़ा। छत्तीसगढ़ में 47 बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए तो कर्नाटक में 10 से 17 वर्ष की आयु के 500 से ज्यादा बच्चे संक्रमित पाए गए। महाराष्ट्र के अकेले सोलापुर में ही 600 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इस तरह की खबरों से अभिभावक चिंतित हो उठे। विशेषज्ञ पहले ही बार-बार आगाह कर चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर ही होगा। अभिभावक स्कूल खोलने के फैसले को जल्दबाजी करार दे रहे हैं। अब तो दिल्ली में भी स्कूल खोलने पर विचार किया जा रहा है।इसी बीच अच्छी खबर यह है कि भारतीय फार्मास्यूटिकल कम्पनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी को डीजीसीआई ने इमरजैंसी यूज के लिए मंजूरी दे दी है। यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। इसे 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों और बड़ों को लगाया जा सकता है। जायडस कैडिला ने भारत में अब तक 50 से ज्यादा सैंटर पर वैक्सीन के लिए सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है। यह देश में उपलब्ध होने वाली चौथी और मंजूरी पाने वाली छठी वैक्सीन है। भारत में अभी लगाई जाने वाली वैक्सीन दो डोज वाली है। जॉनसन एंड जॉनसन आैर स्पूतनिक लाईट जैसी सिंगल डोज वैक्सीन भी है, जो आने वाले महीनों में आ सकती है। जबकि जायकोव-डी वैक्सीन की तीन डोज चार-चार हफ्ते के अंतराल में लगाई जाएंगी। यह वैक्सीन नीडल फ्री है और ये जेट इंजेक्टर से लगेगी। जेट इंजैक्टर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका में होता है। इससे वैक्सीन को हाईप्रेशर से लोगों की स्किन में इंजेक्ट किया जाता है। इसे लगवाने वाले को दर्द बहुत कम होता है। नीडल फ्री होने के कारण इंफेक्शन का खतरा भी न्यूनतम होता है। जायडस कैडिला एक साल में 24 करोड़ डोज के उत्पादन की क्षमता होने की बात कर रही है। इसे 12 या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त पाया गया। जायकोव-डी के तीसरे ट्रायल के लिए 28 हजार से ज्यादा बच्चों को इनरोल किया गया था। इसमें 12 से 18 साल तक के बच्चे शा​िमल हैं। इस वैक्सीन का बच्चों पर कोई साइड इफैक्ट भी दिखाई नहीं दिया।यह वास्तविकता है कि हर कोई चाहता है कि स्कूल फिर से गुलजार हों। एक साल से ऊपर का समय होने केे बाद बच्चे और अभिभावक दबाव में हैं। स्कूल बंद होने से हताशा पैदा होने लगी है, क्योंकि कई तरह की गतिविधियां ठप्प हैं, जिनका सीधा संबंध अर्थव्यवस्था से है। जहां स्कूल खुले हैं वहां अभिभावकों से सहमति पत्र लिए जा रहे हैं। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी शिक्षकों और स्टाफ को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। स्कूल परिसरों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन्स की लोग अब कोई परवाह ही नहीं कर रहे तो बच्चों से हमें क्या उम्मीद की जा सकती है। बच्चे तो बच्चे हैं, वह सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान शायद ही रख पाएं। अब 12 वर्ष से अधिक बच्चों के लिए जायकोव-डी कुछ दिनों में आ जाएगी तो अभिभावकों को बिना किसी संकोच या शंका के बच्चों को वैक्सीन लगवानी चाहिए। बच्चों को स्कूलों में वैक्सीन की डीज देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। अभी तक यह देखा गया है कि बच्चे हल्के लक्षणों के साथ मुकाबला कर लेते हैं मगर वायरस दूसरों को फैला सकते हैं। बच्चे स्कूल से कोरोना लेकर आते हैं तो दादा-दादी, नाना-नानी को भी संक्रमित कर सकते हैं। इस समय 0 से 17 वर्ष आयु समूह की जनसंख्या 45 करोड़ के लगभग है। यह कुल आबादी का 36.68 प्रतिशत है। 12 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन ​िजतनी तेजी से लगेगी तो कोरोना का खतरा काफी कम हो जाएगा। बच्चों को वैक्सीन दिए जाने से अभिभावकों के मन में बैठा खौफ खत्म होगा, बल्कि बच्चों का मनोबल भी मजबूत होगा। बच्चे ही देश का भविष्य हैं, वह सुर​िक्षत होंगे तो देश सुरक्षित हो जाएगा।होम :राष्ट्रपति ने रक्षा बंधन पर लोगों से खुद को महिला सुरक्षा की दिशा में समर्पित करने का किया आह्वानराष्ट्रपति , प्रधानमंत्री मोदी, रक्षामंत्री समेत तमाम दिग्गजों ने कल्याण के निधन पर जताया दुखराम के लिये सत्ता का त्याग करने वाले विरले नेता थे कल्याणPM मोदी ने कल्याण सिंह के निधन पर जताया शोककल्याण सिंह का निधन भारतीय राजनीति में एक युग का अंत - जे पी नड्डाकल्याण सिंह विराट वटवृक्ष थे जिनकी छत्रछाया में भाजपा का संगठन पनपा और विस्तार हुआ

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