सम्पादकीय

टीकाकरणः नए हालात, नई रणनीति

Subhi
26 Feb 2021 5:00 AM GMT
टीकाकरणः नए हालात, नई रणनीति
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केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना के टीकाकरण का दूसरा चरण सोमवार एक मार्च से ही शुरू हो जाएगा

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना के टीकाकरण का दूसरा चरण सोमवार एक मार्च से ही शुरू हो जाएगा और इसके तहत 60 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति तथा 45 साल से ऊपर के एक से ज्यादा बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति टीका लगवा सकते हैं। यह टीकाकरण को लेकर अब तक लागू नीति में बहुत बड़ा बदलाव है। अब तक तय प्राथमिकताओं के मुताबिक कोरोना के फ्रंटलाइन वॉरियर्स यानी चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को ही टीका दिया जाना था। हालांकि 16 जनवरी से शुरू हुए पहले चरण में भी काफी तेजी से टीके दिए गए और अब तक एक करोड़ से ऊपर डोज पड़ चुके हैं, फिर भी सभी स्वास्थ्यकर्मियों को टीके का दोनों डोज देने का लक्ष्य अभी अधूरा है। इस बीच देश के कई राज्यों में कोरोना के नए मामलों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जिससे महामारी की दूसरी लहर आने का अंदेशा काफी बढ़ गया है। इसे देखते हुए रणनीति में यह बदलाव जरूरी था।

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अब संक्रमण की आशंका के बीच जी रहे बुजुर्ग और बीमार लोग टीका लेकर न केवल खुद को सुरक्षित कर सकते हैं बल्कि कोरोना के फैलाव को रोकने का जरिया भी बन सकते हैं। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीका उपलब्ध रहेगा जबकि प्राइवेट हॉस्पिटलों में इसके लिए भुगतान करना होगा। हालांकि वहां भी टीके के लिए मनमाना शुल्क नहीं वसूला जा सकेगा। सरकार इसकी कीमत तय करने वाली है। दो चैनलों के होने से फायदा यह होगा कि जरूरतमंद लोग सरकारी अस्पताल की लाइनों में खड़े होकर टीके लगवाएंगे और जो पैसे चुकाने की स्थिति में हैं वे पैसा खर्च करके इस सेवा का लाभ उठाएंगे। इससे एक तो सरकार पर हद से ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा और दूसरे कम से कम वक्त में ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने का उद्देश्य पूरा होगा। कोरोना पर अंकुश लगाने के लिहाज से व्यापक टीकाकरण पिछले कुछ समय में एक कारगर उपाय के रूप में उभरा है।

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अमेरिका समेत कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर अगर कुछ हद तक काबू में दिख रही है तो उसके पीछे बड़े पैमाने पर टीकाकरण की अहम भूमिका मानी जा रही है। कोई कारण नहीं कि अपने देश में भी ऐसा होने की उम्मीद न रखी जाए। हालांकि वायरस की तरफ से भी चुनौतियां कमजोर नहीं पड़ रही हैं। केरल और महाराष्ट्र समेत दस राज्यों में हालात दोबारा गंभीर होते दिख रहे हैं। तीन राज्यों में दो नए स्ट्रेन भी देखे गए हैं। कोरोना वायरस के ये दोनों स्ट्रेन ब्रिटेन, साउथ अफ्रीका और ब्राजील के चिंताजनक स्ट्रेन्स से अलग हैं और अभी यह साफ नहीं है कि नए केसों में बढ़ोतरी के पीछे इनकी भी कोई भूमिका है या नहीं। लेकिन इससे इतना तो पता चल ही जाता है कि टीकाकरण के बावजूद आगे कठिन चुनौती है और अधिकाधिक सावधानी, 'दो गज दूरी, मास्क है जरूरी' की आजमाई हुई नीतियों से इधर-उधर होना घातक हो सकता है।


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