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सम्पादकीय
Vaccination In Jammu And Kashmir : इन बड़ी वजहों से वैक्सीनेशन के मामले में जम्मू कश्मीर बन गया है अव्वल
Tara Tandi
9 Jun 2021 11:35 AM GMT
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पंकज कुमार | जम्मू कश्मीर में इन दिनों वैक्सीन की प्रक्रिया बेहतरीन तरीके से जारी है. यहां के चार जिलों में 45 साल से ऊपर के सौ फीसदी लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है. इसी कड़ी में 6 जिलों में सौ फीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स और 90 फीसदी से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन दिया जा चुका है. 45 साल से ऊपर के कुल लोगों की बात की जाय तो जम्मू और कश्मीर में कुल 73 फीसदी से ज्यादा आबादी वैक्सीन ले चुकी है
जम्मू कश्मीर के कुछ जिलों में मुश्किल रास्तों की वजह से वैक्सीन ऑन व्हील्स (Vaccine on Wheels) का सहारा लिया गया. शोपियां और गांदरबल में लोगों तक वैक्सीन देने के लिए हेल्थ वर्कर्स खुद पहुंचे, जहां लोगों के लिए सेशन साइट पर पहुंचना मुश्किल था और इंटरनेट भी ठीक से काम नहीं कर रहा था. सरकार की नीतियों की वजह से हेल्थ वर्कर्स ने छुट्टियों और वीकेंड पर भी काम किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जल्दी वैक्सीन दिया जा सके. इस प्रक्रिया में टीचर और बूथ लेवल ऑफिसर की भी ट्रेंनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई गई जिनकी मदद से सुदूर इलाकों में वैक्सीन देने की प्रक्रिया ज़ारी रखी गई.
वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी के लिए अहम रणनीति
केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर सरकार ने बेहतर नतीजे वाले जिलों को वैक्सीन की कमी नहीं होने दी, जहां वैक्सीन लेने वालों की तादाद अच्छी थी और लोग आगे बढ़कर वैक्सीन लेने में रुचि दिखा रहे थे. यही वजह रहा कि जम्मू जैसे जिलों में बेहतरीन रोड नेटवर्क की वजह से 45 साल से ऊपर के तमाम लोगों को वैक्सीनेट किया गया है. जम्मू और कश्मीर के स्वास्थ्य सचिव कहत अटल डुल्लू कहते हैं, 'जम्मू और कश्मीर में वैक्सीनेशन की सफलता के पीछे तमाम विभागों के बीच समुचित कॉर्डिनेशन को जाता है जिसके तहत टीचर्स और बूथ लेवल ऑफिसर्स को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के द्वारा ट्रेंड किया गया है.
वैक्सीन को लेकर शंकाओं को दूर करने के लिए किए गए समुचित उपाय
वैक्सीन हेजीटेंसी को दूर करने के लिए धर्म गुरुओं की मदद ली गई. कई लोगों में रमजान के दरमियान वैक्सीन लेने को लेकर कई तरह की शंकाएं थीं जिन्हें लोकल धर्म गुरुओं और उलेमाओं के जरिए दूर करने का प्रयास किया गया. सरकार का पूरा फोकस वैक्सीन को लेकर जागरूकता पैदा करने की थी और इसके लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम का बखूबी इस्तेमाल किया गया. इस कड़ी में मीडिया की भी सहभागिता ली गई ताकि ये जनआंदोलन बन सके.
राज्य के इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ शाहिद कहते हैं कि सफलता के पीछे माइक्रोप्लानिंग के तहत बूथ लेवल मैनेजमेंट है और वैक्सीन देने वाली जगहों (Session Site) के बीच समुचित कॉर्डिनेशन थी. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के बांदीपोरा जिले के वावेन गांव इन्हीं वजहों से इन दिनों सुर्खियों में है. यहां सड़क और नेटवर्क की कमी के बावजूद 18 साल से ज्यादा उम्र के 100 फीसदी लोगों का टीकाकरण हो गया है. यह देश का पहला गांव बन गया है. 100 फीसदी टीकाकरण होने की वजह से यह गांव देश में सुर्खियां बटोर रहा है
Tara Tandi
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