सम्पादकीय

UP Election : ममता बनर्जी वाराणसी के सहारे दिल्ली की गद्दी पर निशाना साध रही हैं

Rani Sahu
4 March 2022 1:16 PM GMT
UP Election : ममता बनर्जी वाराणसी के सहारे दिल्ली की गद्दी पर निशाना साध रही हैं
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ममता बनर्जी ने “गंगा आरती” में भाग लेकर अपने दौरे की शुरुआत की. बुधवार शाम को जब वो दशाश्वमेध घाट की आरती में शामिल होने के लिए जा रही थी

एम हसन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) के अंतिम चरण में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और उसके सहयोगियों की संभावनाओं को मजबूत करने के इरादे से उनके पक्ष में चुनाव प्रचार किया. उत्तर प्रदेश के सातवें और आखिरी चरण में नौ जिलों की 54 सीटों पर सात मार्च को मतदान होना है. काशी और प्रयागराज में बंगाली मतदाताओं की एक बड़ी आबादी को लुभाने के लिए, बुधवार को वाराणसी पहुंची ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चुनावी सहयोगियों के साथ गुरुवार को एक रैली को संबोधित किया
ममता बनर्जी ने "गंगा आरती" में भाग लेकर अपने दौरे की शुरुआत की. बुधवार शाम को जब वो दशाश्वमेध घाट की आरती में शामिल होने के लिए जा रही थी, तब हिंदू युवा वाहिनी (HYV) के लोगों ने काले झंडे दिखा कर उनका विरोध किया. वे, "वापस जाओ, वापस जाओ" और "जय श्री राम" के नारे लगा रहे थे. ममता बनर्जी तुरंत अपनी कार से बाहर निकलीं और उन्होंने HYV कार्यकर्ताओं का सामना किया. ममता बनर्जी ने कहा, "वो हार के डर से यह सब कर रहे हैं." उन्होंने जवाब में "जय यूपी, जय हिंद" और "हर हर महादेव" के नारे भी लगाए.
'भाई-बहन' की जोड़ी को राष्ट्रीय मंच पर गठबंधन के रूप में देखा जा रहा है
बाद में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'बीजेपी की हालत खराब है क्योंकि बहन और भाई अब साथ आ गए हैं. बीजेपी अभी भी पश्चिम बंगाल में अपनी शर्मनाक हार के सदमे से उबर नहीं पाई है. इसलिए वाराणसी में ममता बनर्जी को काले झंडे दिखा रही है. यह उनकी हताशा का ही प्रतीक है क्योंकि वे जानते हैं कि यूपी में भी वे बुरी तरह हार रहे हैं." हालांकि, काशी क्षेत्र के बीजेपी नेता सोमनाथ विश्वकर्मा ने कहा, "वो बीजेपी कार्यकर्ता नहीं थे." अखिलेश यादव के अलावा, राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के प्रमुख ओपी राजभर, अपना दल के नेता कृष्णा पटेल और कुछ अन्य लोग रैली और रोड शो में शामिल हुए.
7 चरणों के चुनाव की यूपी विधानसभा की लड़ाई अपने अंतिम सातवें चरण में पहुंच गई है. शेष 54 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की कमान संभाली हुई है, वहीं समाजवादी पार्टी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने साथ ले आई, जो लगातार बीजेपी के खिलाफ एक राष्ट्रीय मंच बनाने की कोशिश कर रही हैं.
पिछले महीने समाजवादी पार्टी की चुनावी संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए ममता बनर्जी ने लखनऊ का दौरा भी किया था. उन्होंने कहा, "जैसा कि 2021 में पश्चिम बंगाल में हुआ था, वैसे ही 2022 में यूपी में खेल होगा." वो गोवा की चुनावी लड़ाई में भी शामिल हुई थीं जिसके लिए 14 फरवरी को मतदान हुआ था. जबकि एसपी की चुनावी लड़ाई काफी हद तक अखिलेश यादव पर केंद्रित थी, लेकिन अंतिम चरण में ममता बनर्जी के उनके चुनाव प्रचार में शामिल होने को राष्ट्रीय मंच पर 'भाई-बहन' के गठबंधन के रूप में देखा जा रहा है. अखिलेश यादव हमेशा ममता बनर्जी को "दीदी" कहते हैं. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "ममता दीदी और उनके भाई (अखिलेश) के साथ आने के विचार ने ही बीजेपी को परेशान कर दिया है."
दोनों पार्टियों की साख दांव पर है
जहां काशी में अपनी जीत दोहराना बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, वहीं एसपी अपने सहयोगियों के साथ भगवा ब्रिगेड के इस क्षेत्र में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है. पिछली बार कुल 54 सीटों में से बीजेपी और सहयोगी दलों ने 36 सीटें जीती थीं, जबकि एसपी ने 11 सीटें, बीएसपी ने पांच और एक सीट निषाद पार्टी को मिली थी.
काशी क्षेत्र, जिसमें मिर्जापुर, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर शामिल हैं, में दोनों पक्षों के गठबंधन सहयोगियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व में बीजेपी की सहयोगी अपना दल अंतिम दो चरणों में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अंतिम चरण में एसपी की सहयोगी SBSP 18 सीटों पर और अपना दल (कमेरावादी) छह सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
पिछले पांच सालों के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार ने काशी में काफी निवेश किया है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (KVC) के विकास में लगाए गए लगभग 750 करोड़ रुपये को बीजेपी की एक मेगा चुनावी परियोजना के रूप में देखा गया, जिसका उद्घाटन मोदी ने 13 दिसंबर, 2021 को किया था. क्या इस परियोजना का इस चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलेगा या समाजवादी पार्टी का ममता कार्ड उसका खेल बिगाड़ सकता है यह देखना दिलचस्प होगा.
Rani Sahu

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