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उत्तर प्रदेश के छठवें चरण में सबसे ज्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार समाजवादी पार्टी से हैं
आकाश गुलंकर।
देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) चल रहे हैं. जनता का फैसला 10 मार्च को आएगा. लेकिन जनता के सामने हर बार की तरह इस बार भी एक समस्या है कि आखिर वह किसे चुने? क्योंकि ज्यादातर नेताओं पर तो आपराधिक मुकदमे (Criminal Cases) दर्ज होते हैं. पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के तमाम विधायकी के उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भी इससे अछूता नहीं है. यहां भी तमाम पार्टियों के मठाधीशों पर ऐसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
अब तक यूपी विधानसभा चुनाव में पांच चरणों की वोटिंग समाप्त हो चुकी है, सिर्फ छठे और सातवें चरण के लिए मतदान बाकी हैं. लेकिन दागदार उम्मीदवारों के मामले में हर चरण का हाल एक जैसा दिखा. क्योंकि कोई ऐसा चरण नहीं बीता जीसमें दागी उम्मीदवार किसी पार्टी से चुनाव ना लड़ रहे हों. एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आंकड़े बताते हैं, कि लगभग सभी पार्टियों ने आपराधिक छवि और करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक, उम्मीदवारों को टिकट देने में तरजीह दी है, विधानसभा चुनाव के पहले चरण से लेकर आखिर तक यही पैटर्न देखने को मिलता है, और साथ ही इन चुनावो में भी, महिला उम्मीदवारों की भागीदारी दूर की कोड़ी है.
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार
एडीआर के मुताबिक़, यूपी विधानसभा चुनाव के छठे चरण में 182 उम्मीदवार मैदान में है. जिनमे 27 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने का हलफनामा दाखिल किया है.इस चरण में 182 उम्मीदवारों में से 123 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलें दर्ज हैं. जिनमें अधिकतम पांच साल की सजा और गैर ज़मानती अपराध शामिल हैं.
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार समाजवादी पार्टी इसमें सबसे आगे है, उसके 40 ऐसे उम्मीदवार हैं, जो आपराधिक मामलों में लिप्त हैं, दूसरे नंबर पर है बीजेपी जिसके 23 उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं, 22 प्रतिशत आपराधिक बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस और बीएसपी तीसरे पायदान पर है. इनमें से आठ उम्मीदवारों के खिलाफ महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामले हैं, जबकि इनमें से 2 उम्मीदवारों पर बलात्कार के आरोप लगे हैं. रिपोर्ट में इतने ही उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज हैं.
जितनी बड़ी पार्टी उतने ज़्यादा करोड़पति
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार छठे चरण में, 38 प्रतिशत यानि 670 में से 253 उम्मीदवार करोड़पति हैं, पिछले तीन चरणों का भी यही हाल है, चौथे फेज़ में 37 प्रतिशत और पांचवे चरण में 36 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं. एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि समाजवादी पार्टी और बीजेपी के 80 प्रतिशत से ज़्यादा उम्मीदवारों के पास 1 करोड़ से ज़्यादा कि सम्पत्ति है, एसपी में ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 45 है.
मौजूदा चुनावों में 60 उम्मीदवारों के पास 5 करोड़ से ज़्यादा की सम्पत्ति है, उसके बाद सौ उम्मीदवारों ने दो करोड़ से पांच करोड़ की सम्पत्ति होने की घोषणा की है, दिलचस्प बात ये है कि लगभग आधे उम्मीदवार 50 लाख से कम की सम्पत्ति के मालिक हैं. रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि बीएसपी के चार उम्मीदवारों में से तक़रीबन तीन करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के आधे उम्मीदवार एक ही श्रेणी के हैं.
महिला प्रतिनिधित्व पर एक नज़र
एडीआर के अनुसार छठे चरण में 10 प्रतिशत (605 में से 65) महिला उम्मीदवार हैं, कांग्रेस ने सबसे ज़्यादा 39 प्रतिशत 22 महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने इन चुनावों में महिलाओं को एक तिहाई टिकट देने की घोषणा की थी, बाक़ी पार्टियों में महिलाओं की उम्मीदवारी का प्रतिशत 10 फीसदी से भी काम है.
कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी ने 10 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया है, बीएसपी ने 9 प्रतिशत और बीजेपी ने 6 प्रतिशत महिलाओं पर भरोसा दिखाया है अगर एसपी, बीएसपी, बीजेपी तीनो पार्टियों की महिला उममीदवारों को मिला लिया जाए, तब भी उनकी गिनती कांग्रेस के मुक़ाबले कम है.
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