सम्पादकीय

UP Election 2022: पश्चिमी यूपी में भाजपा का खेवनहार कौन, कैसे निकलेगा मुस्लिम-जाट-यादव गठजोड़ का तोड़?

Gulabi
7 Feb 2022 12:28 PM GMT
UP Election 2022: पश्चिमी यूपी में भाजपा का खेवनहार कौन, कैसे निकलेगा मुस्लिम-जाट-यादव गठजोड़ का तोड़?
x
पश्चिमी यूपी में भाजपा
लॉरी ड्राइवर नरेंद्र कुमार जाटव अक्सर उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों के चक्कर लगाते हैं। बागपत के बाहरी इलाके में उन्होंने सामान उतारा और चाय की एक दुकान पर सुकून के साथ चाय की चुस्कियां लेने लगे। आसपास मौजूद लोग उत्तर प्रदेश की सियासी हलचल पर गपशप कर रहे थे, जो नरेंद्र के कानों में भी आ रही थी। पहले तो नरेंद्र उनकी बातों को सुनता रहा और अपने मन की बात जाहिर तक नहीं की, लेकिन चाय पर चल रही चुनावी चर्चा में गरमी बढ़ी तो उसने बस इतना कहा, 'योगी (आदित्यनाथ) ने कोई गलत काम नहीं किया।' ...और फिर चुप्पी की चादर ओढ़ ली। इसके बाद वह चुप रहकर अपने आसपास मौजूद लोगों के दिल की थाह लेने की कोशिश करने लगता है।
थोड़ी देर बाद जब उसे लगता है कि ज्यादातर लोग भाजपा का पक्ष ले रहे हैं, तब वह थोड़ा खुलता है, लेकिन थोड़ी धीमी आवाज में सीधे लेखक से बात करता है।
'देखिए, मायावती का राज अच्छा था। वह अच्छी मुख्यमंत्री थीं और अच्छी नेता भी, लेकिन इन चुनावों में ज्यादा सक्रिय नहीं रहीं। अगर वह पहले की तरह इन चुनावों में उतरतीं तो मैं पक्का उन्हीं को वोट देता। लेकिन अब लगता है कि आपको अखिलेश या योगी में से एक को चुनना है। मैं अखिलेश यादव और उनकी राजनीति पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। जब मैं कहता हूं कि योगी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। इसका मतलब यह है कि योगी ने काफी अच्छे काम किए हैं। मोदी (पीएम नरेंद्र मोदी) भी देश और राज्य के लिए काफी अच्छे काम कर रहे हैं।'
'मैं प्रदेश के तमाम इलाकों में जाता हूं। तमाम लोगों से मिलता हूं और ज्यादातर समय सिर्फ उनको सुनता हूं। कई लोग योगी और भाजपा के बारे में बुरा-भला बोलते हैं। मेरा मानना है कि योगी ने कहीं कोई गलत काम नहीं किया। इस सवाल पर कि इसका मतलब यह निकाला जाए कि योगी ने हर वर्ग के लोगों के लिए सब कुछ अच्छा और बिना भेदभाव के किया है तो उसने जवाब दिया, 'बाकी आप खुद समझदार हैं। और लोगों से बात करने पर आपको पता चल ही जाएगा।'
बागपत के ही खेकड़ा इलाके में एक व्यापारिक प्रतिष्ठान के बाहर कुछ लोग चर्चा कर रहे थे। इनमें ऐसे लोग भी शामिल थे, जिनके पास दो साल से नौकरी नहीं है। वह कह रहे थे कि कैसे चीजें लाइन पर थीं और अब नौकरी बचाए रखना या अच्छी नौकरी पाना कितना मुश्किल हो गया है। ऐसा लगा कि वे लोग योगी सरकार के खिलाफ हैं, लेकिन यह सवाल उन्हें थोड़ा असहज कर गया। 'तो आप योगी से नाराज हैं? क्या अखिलेश का कार्यकाल अच्छा था? सुरेंद्र नाम का एक बंदा तपाक से बोला, 'मैंने यह नहीं कहा।' बलराम नाम का एक और व्यक्ति भी बातचीत में शामिल हो गया। उसने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले दो साल में हमने काफी परेशानियां झेलीं। रोजगार के अवसर या तो बंद हो गए हैं या फिर काफी कम हो गए। इसकी वजह से पैसों की दिक्कत हुई, लेकिन कोई भी भूखा नहीं सोता। सरकार ने यह व्यवस्था की है कि हर किसी को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिले। जिसके पास राशन कार्ड है, उसे राशन बिना किसी भेदभाव किए मिलता है।'
इस दौरान वहां मौजूद लोगों से उनकी बिरादरी पूछी गई तो एक ब्राह्मण, तीन ओबीसी (गैर-यादव) और दो दलित निकले। कुछ ने इशारा किया कि वे अपनी नेता को वोट देंगे। यह भी एक तथ्य है कि जाटों का एक तबका भाजपा से नाराज है। पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों में जाट और मुस्लिम ऐसा दुर्जेय सामाजिक गठबंधन बनाते हैं, जो भाजपा के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इससे उत्साहित होकर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी योगी सरकार को उखाड़ फेंकने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। पश्चिम यूपी के जिन इलाकों में जाटों का प्रभुत्व है, वहां यादवों का प्रभाव नगण्य है। वहीं, यादव बाहुल्य क्षेत्र में जाट नगण्य हैं। बडौत के मोहन पाल जाति के गड़रिया हैं। वह दो टूक कहते हैं कि होई वही जो राम रचि राखा। जब उनसे इसका मतलब जानने की कोशिश की गई तो जवाब मिला हालात देखिए... यहां जो दिख रहा है, उसमें मेरी यह बात कतई गलत नहीं है।
सहयोग विष्णु शर्मा

Next Story