सम्पादकीय

UP Election 2022: कास्ट वाली सियासत के सामने प्रियंका का जेंडर वाला मास्टर स्ट्रोक

Rani Sahu
19 Oct 2021 3:30 PM GMT
UP Election 2022: कास्ट वाली सियासत के सामने प्रियंका का जेंडर वाला मास्टर स्ट्रोक
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कास्ट वाली सियासत के सामने प्रियंका का जेंडर वाला मास्टर स्ट्रोक

राहुल सिन्हा 2017 विधानसभा चुनाव में सबसे कमजोर प्रदर्शन करनेवाली कांग्रेस ने इस बार यूपी में प्रियंका गांधी को आगे किया है. प्रियंका के भरोसे कांग्रेस यूपी में खुद को मजबूत करना चाहती है. अब प्रियंका ने यूपी की राजनीति में अपना मास्टर कार्ड चला है. प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने यूपी में नया नारा दिया है. कांग्रेस का नारा है 'लड़की हूं लड़ सकती हूं', यानि कांग्रेस ने यूपी में कास्ट वाली राजनीति के सामने जेंडर वाली राजनीति को खड़ा करने की कोशिश की है.

इस राजनीति को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान किया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर मेरा बस चलता तो मैं महिलाओं को 50 फीसदी टिकट देती. महिलाओं को 40 फीसदी टिकट ये यूपी में प्रियंका गांधी का मास्टर कार्ड कहा जा रहा है. इस कार्ड के जरिए प्रियंका गांधी ने यूपी की राजनीति में जाति के मुकाबले जेंडर को खड़ा करने की कोशिश की है.
पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में 42 महिलाएं जीतीं
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2017 के चुनाव में यूपी में अब तक सबसे ज्यादा महिला विधायक चुनी गईं थी. 2017 में बीजेपी की 34 महिला विधायक, कांग्रेस 2, बीएसपी 2 और समाजवादी पार्टी की 1 महिला विधायक चुनकर विधानसभा पहुंची. यूपी में कुल 482 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था. इनमें से 42 ने चुनाव में जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने सबसे ज्यादा 43 महिलाओं को टिकट दिया था और बीजेपी के टिकट पर 34 महिलाएं चुनाव जीती थीं.
कास्ट के मुकाबले में जेंडर इसे हम प्रियंका का मास्टर कार्ड क्यों बता रहे हैं ये जानना आपके लिए जरूरी है. दरअसल पिछले कुछ सालों में राजनीति में महिला वोटर्स ने अपनी ताकत से कई प्रचलित मान्यताओं को ध्वस्त किया है. इसी साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं ने 81.41 फीसदी मतदान किया, जबकी महिला मतदाताओं ने 81.75 फीसदी मतदान किया. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने बंगाल की बेटी जैसा भावुक नारा दिया था. ऐसे में 49 फीसदी महिला मतदाताओं में से ज्यादातर ने एकमुश्त TMC को वोट दिया और सूबे में ममता तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं.
पिछले यूपी विधानसभा चुनाव में 63.31 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया
बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं ने 54.45 फीसदी मतदान किया, जबकि महिला मतदाताओं ने 59.69 फीसदी मतदान किया. यहां साइलेंट फोर्स के तौर पर देखी जा रही महिला वोटर्स ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन को जमकर वोट दिया और नतीजा ये रहा की सूबे में फिर जेडीयू-बीजेपी की सरकार बनी. उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में पुरुष मतदाताओं ने 59.15 फीसदी, जबकि महिला मतदाताओं ने 63.31 फीसदी मतदान किया.
2017 में यूपी में कानून-व्यवस्था जैसा मुद्दा बेहद अहम था इसलिए तब महिलाओं ने बीजेपी को एकमुश्त वोट दिया. नतीजा ये रहा कि यूपी में बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की. इन तीन विधानसभा चुनावों में ही नहीं लोकसभा चुनाव 2019 में भी महिलाओं ने चुनाव परिणाम तय करने में बड़ी भूमिका निभाई थी. इसलिए उत्तर प्रदेश में प्रियंका को आगे कर खुद को मजबूत करने में जुटी कांग्रेस ने अब उत्तर प्रदेश में जाति के सामने जेंडर को खड़ा करने की कोशिश की है.


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