- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- आपदा प्रबंधन पर...
डॉ. एके वर्मा: इन दिनों कोविड आपदा प्रबंधन को लेकर विपक्षी दलों, मीडिया, नेता-अभिनेता, न्यायालयों, राज्य सरकारों, नागरिक संगठनों द्वारा केंद्र सरकार के विरुद्ध अति आक्रामकता दिखाई जा रही है। इसमें कोई शक नहीं कि इस दौरान जनता को दवाओं, ऑक्सीजन, अस्पतालों में बिस्तरों की कमी और कालाबाजारी से रूबरू होना पड़ा। कोरोना की दूसरी लहर में हजारों लोगों की अकाल मृत्य हुई, जिनमें हम सभी के परिजन, मित्र, पड़ोसी और गणमान्य लोग शामिल हैं। यह अभूतपूर्व आपदा और अप्रत्याशित मानवीय क्षति राष्ट्रीय शोक है। इतिहास में कभी-कभार ही ऐसा होता है। संपूर्ण समाज को मिलकर इससे निपटना होता है। इसके लिए किसी सरकार, अभिकरण या नेतृत्व को दोषी ठहरा कर कुछ भी हासिल नहीं होता। हमसे ही तो सरकार है। ऐसी चुनौती के समय हमें उसका मनोबल बढ़ाना होता है, उसका साथ देना होता है। ऐसा हम चीन और पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के वक्त कर चुके हैं। कोविड आपदा भी अदृश्य शत्रु के विरुद्ध युद्ध ही है। एक बार युद्ध खत्म हो जाए, विजय प्राप्त हो जाए, तब इसकी समीक्षा करना उचित होगा कि हमारी तैयारी, रणनीति और प्रबंधन में क्या कमियां थीं तथा उसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता था?