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- पिछड़ों के लिए एकजुट

ओबीसी आरक्षण विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एकजुटता गौरतलब है। पिछले दिनों से पार्टियों को परस्पर दो-दो हाथ करते ही देखा जा रहा था, लेकिन भारत में आरक्षण का महत्व इतना ज्यादा हो गया है कि कोई पार्टी इसके विरोध में दिखना कतई पसंद नहीं करेगी। हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक को चर्चा के बाद पारित करने की बात कही है, लेकिन सत्ता पक्ष को शायद विपक्ष पर कम विश्वास है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा में अपनी पार्टी के सांसदों के लिए तीन लाइन का एक व्हिप जारी किया है। व्हिप में पार्टी सांसदों से 10 और 11 अगस्त को सदन में मौजूद रहने को कहा गया है। भाजपा ने अपने लोकसभा सांसदों से भी सदन में उपस्थित रहने की अपील की है। इससे ओबीसी आरक्षण संबंधी विधेयक के महत्व को समझा जा सकता है। सवाल कई हैं, क्या सदन में चर्चा के बाद भी सहमति बनी रहेगी? क्या इस आरक्षण में किसी अन्य संशोधन की मांग विपक्ष करेगा? क्या ओबीसी आरक्षण पर किसी पार्टी की कोई अलग मंशा सामने आएगी? खैर, इन सवालों का जवाब सदन में ही मिलेगा, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि पक्ष और विपक्ष के बीच बनी सहमति भी संदेह से परे नहीं है।
