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- निस्संदेह निरोगी जीवन...
एन. रघुरामन। इस गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओमिक्रॉन के कारण कोविड-19 के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी को देखते हुए चुनाव आयोग और पीएम से फरवरी 2022 में संभावित यूपी चुनावों को एक-दो महीने टालने का आग्रह किया। एक जमानत के मामले में सुनवाई के दौरान जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कोर्ट में भीड़भाड़ देखने के बाद कोविड-19 और चुनावों पर ये टिप्पणी की, 'जान है तो जहान है।' कोर्ट ने निर्देश दिया कि आदेश की प्रति इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को भेजी जाए। अगर किसी को लगता है कि न्यायालय की टिप्पणी के पीछे वजह कोई अकादमिक शोध नहीं तो मैं आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं का हवाला देता हूं, जिन्होंने आशंका जताई है कि ओमिक्रॉन के कारण तीसरी लहर 3 फरवरी तक भारत में पीक पर पहुंच सकती है। मेडआरएक्सआईवी नाम के ऑनलाइन रिप्रिंट सर्वर पर प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया, 'लग रहा है कोरोना की तीसरी लहर देश में आ चुकी है और बाकी दुनिया का ट्रेंड यहां भी दिखेगा, अनुमान है कि लहर दिसंबर मध्य से शुरू होकर फरवरी की शुरुआत में पीक पर पहुंच सकती है।' याद रखें कि यह पहले ही शुरू हो चुकी है और हर कोई इस पर बात कर रहा है, केंद्र-राज्य सरकारों के साथ पीएम ने भी चिंता जाहिर की है। और जब हर कोई तीसरी लहर पर बात कर रहा है तो कोविड के खिलाफ ओरल पिल से अच्छा तोहफा और क्या हो सकता है? 2021 में क्रिसमस से ठीक पहले यह बहुप्रतीक्षित उपलब्धि मिली है। इस बुधवार को अमेरिकी स्वास्थ्य नियामकों ने कोविड के लिए पहली गोली को अनुमति दे दी है, वायरस के दुष्प्रभावों से बचने के लिए इसे घर पर खा सकते हैं। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने फाइजर की दवा को वयस्कों व 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए अनुमति दी है, जिनका वजन कम से कम 40 किलो है। विशेषज्ञ अभी भी मानते हैं कि टीकाकरण कोविड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। पर दुनिया में कई लोगों को टीका नहीं लगा है, ये कारगर दवा 'पैक्सलोविड' अभी और आगे की आशंकित लहरों को कमजोर करने में महत्वपूर्ण होगी। खुद अमेरिका में, जहां ये गोली बनी है, वहां 40% को टीका नहीं लगा। मर्क कंपनी की एंटीवायरल दवा को भी जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है। कोविड पॉजिटिव लोगों को डॉक्टर की सलाह पर दी जाने वाली 'पैक्सलोविड' और मर्क की गोली लक्षण उभरने के पांच दिन के अंदर दी जाए, तो कारगर साबित होती दिख रही है। चूंकि अमेरिका इन दिनों दबाव में है, जहां संक्रमण के रोजाना एक लाख 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और ओमिक्रॉन स्ट्रेन पहले ही पूरे देश में घातक साबित हो रहा है, ऐसे में अब इन गोलियों का प्रभाव दुनिया को पता चलेगा। कहा जा रहा है कि इनसे अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 90% तक कम हो जाएगा और सबसे ज्यादा जोखिम समूह में मौत का खतरा भी कम होगा। भारत फायदे में है क्योंकि संक्रमण का सबसे बुरा दौर देखने के मामले में हम अमेरिका-यूरोप से तीन महीने पीछे हैं। हम ये नहीं भूल सकते कि हमारी कामकाजी आबादी का 80% से ज्यादा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में काम करता है और दिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है। इसलिए ये हमारी जिम्मेदारी है कि क्रिसमस और नए साल का उत्सव मनाने के दौरान हम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए संक्रमण से उन्हें बचाएंं। इस तरह न सिर्फ राज्य की स्वास्थ्य मशीनरी पर दबाव कम होगा, बल्कि उनकी कमाई का नुकसान भी कम होगा। फंडा यह है कि निस्संदेह निरोगी जीवन सबसे अच्छा क्रिसमस तोहफा हो सकता है, जो हम खुद को और समाज को दे सकते हैं।