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- प्रदेश में बेलगाम होती...

इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में अनेकों भूस्खलन की घटनाएं मानव को भयभीत कर गइर्ं। जुलाई से सितंबर 2021 तक हिमाचल प्रदेश में अनेकों भूस्खलन की घटनाएं दर्ज हुईं, जिसमें करीब 300 व्यक्तियों ने अपना जीवन भी खो दिया। पश्चिमी हिमालय में स्थित हिमाचल प्रदेश का अधिकतर भूभाग गगनचुंबी पहाडि़यों की तलहटी में बसा हुआ है। इन पहाड़ों की जीवन शैली यहां के जनमानस के लिए अनेकों चुनौतियां पैदा करती है। बरसात के मौसम में भारी-भरकम बारिश के कारण भूस्खलन तथा सर्दी के मौसम में बर्फबारी से प्रदेशवासियों का जीवन कठिन जीवनशैली का उदाहरण पेश करता है। इन कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए हिमाचलवासी पूर्ण ईमानदारी, नियमित परिश्रम व कर्त्तव्यनिष्ठा से अपने कार्य का निर्वहन करते हैं। किसी विशिष्ट प्रणाली के कारण हिमाचल देश तथा विश्व में देवभूमि के नाम से विख्यात है। 15 अप्रैल 1948 से हिमाचल प्रदेश के उद्भव से लेकर वर्तमान तक हिमाचल प्रदेश में विकास के अनेकों आयाम स्थापित किए हैं, जिसमें प्राकृतिक संपदा के दोहन से अनेकों चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। विकास एक सतत प्रक्रिया है, जो नियमित रूप से चलती रहती है।