- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- मध्य प्रदेश में जहरीली...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब कांड के बाद एक बार फिर राज्य में शराब की सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस के साथ भाजपा के अंदर भी शराब की नई सियासत पर चर्चा छिड़ गई है। आíथक संकट से जूझ रही राज्य सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही थी, लेकिन राजनीतिक बखेड़ा खड़ा होने के कारण उसे बैकफुट पर जाना पड़ा। सरकार की योजना का कांग्रेस तो विरोध कर ही रही थी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी राज्य में पूरी तरह शराबबंदी की मांग करके नई सियासत को हवा दे दी। इससे सरकार पर स्वाभाविक दबाव बन गया है जिस कारण दुकानों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शराब की दुकानों का विस्तार करने के खिलाफ माने जाते हैं। अपने पिछले दो कार्यकाल में उन्होंने शराब की एक भी नई दुकान नहीं बढ़ने दी, लेकिन कोरोना जनित परिस्थितियों ने अधिकारियों को दुकानें बढ़ाने की योजना पर काम करने को विवश किया। हालांकि सरकार न इसे फिलहाल रोक दिया है।