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- खुद 'जूतम-पैजार' की...
अजय झा।
महाराष्ट्र (Maharashtra) थिएटर की दुनिया में काफी लोकप्रिय है. लॉकडाउन (Lockdown) में थिएटर तो बंद हो गए पर नाटक नहीं. आये दिन वहां के राजनीतिक रंगमंच पर कोई ना कोई नाटक होता ही रहता है. अब इस श्रृंखला में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की गिरफ़्तारी का अध्याय जुड़ गया है. राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बारे में क्या कहा वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि उनकी ठाकरे के कान के नीचे एक चपत लगाने की बात पर उनकी गिरफ़्तारी. उल्लेखनीय है कि राणे ने चपत लगायी नहीं थी, सिर्फ इस बारे में बात की थी, पर 'माननीय' मुख्यमंत्री के खिलाफ पूर्व शिवसेना (Shiv Sena) के नेता, जो अब बीजेपी (BJP) के सदस्य हैं, के बोलने की जुर्रत की सजा तो उन्हें मिलनी ही थी, और मिली भी. पुलिस हिरासत में राणे को नौ घंटे गुजारना पड़ा. महाराष्ट्र में एक अलिखित कानून बन गया है कि जो भी ठाकरे के खिलफ आवाज़ उठाएगा उसे जेल की हवा खानी ही होगी, चाहे वह अर्नब गोस्वामी हों या नारायण राणे.