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- बाईस में चौबीस का
सुधीश पचौरी: कहां 'तीसरे युद्ध' का चौबीस गुणे सात का सीधा प्रसारण! उक्रेन में गिरते बम! फटती मिसाइलें! आग उगलते टैंक! जलते शहर-भवन! जान बचा कर भागते, बदहवास लोग। बंकरों में डरे-छिपे लोग। 'सूमी' में बंकर-बंद भारतीय छात्रों का नित्य का हाहाकार और धमाकों के बीच किसी तरह उनका निकलना कि कलेजा मुंह को आए।… कहां जेलेंस्की के दरकते 'नायकत्व' और समझौते के बढ़ते सुरों और बातचीत के तीसरे दौर की खबरें! कहां उक्रेन के लिए लड़ती वीरांगनाएं और भाड़े के टट्टू! कहां जो बाइडेन के रूस के ऊपर प्रतिबंध पर प्रतिबंध।…
इसके बरक्स कहां अपना जीता-जागता जनतंत्र, अपने चुनाव और 'एक्जिट पोल', 'पोलों के पोल' और चुनावों के परिणामों के 'लाइव' उल्लसित प्रसारण! अपने चुनाव प्रसारण किसी सुपर हिट मनोरंजक फिल्म से कम नहीं! सुबह छह बजे से ही एंकर, रिपोर्टर शुरू हो जाते हैं : एक एक पल का हाल और उभरते-मिटते एक से एक नायक खलनायक, उनके झूठ-सच, उनके गाने-बजाने, उनके रोने-हंसने, उनकी वीरता, उनकी मसखरी, उनकी बेहयाई और बेशर्मी- सब कुछ एक साथ 'लाइव लाइव' नजर आते हैं और आप घर बैठे मजा लेते हैं!
अथ 'एक्जिट पोल' से पहले की एक शाम: स्वयं को जीता माने हुए एक नेताजी से एक एंकर चिरौरी-सी कर रहा है। लखनऊ के पार्क का सेट है :'सुना है सर! बड़े अधिकारी आपको फोन कर रहे हैं!' 'हं… हं… जब बदलाव आता है तो ऐसे फोन आते ही हैं।'(क्या पता, कल यही गद्दीनशीं हों, इसलिए फुलाते रहो इनका गुब्बारा कि सर जी अब तो आप ही आप हैं!)
लेकिन अगली ही शाम 'एक्जिट पोल' जीते हुए नेताजी को हरा देते हैं! हर एक्जिट पोल में यूपी में 'भाजपा' ही 'भाजपा' है और पंजाब में 'आप' ही 'आप' है! ऐसे एक्जिट पोलों से झटका खाए नेताजी अचानक प्रेस को बुला कर चेताने लगते हैं :
लखनऊ के एक बड़े अधिकारी ने जिलाधिकरियों को फोन किया है कि भाजपा हारती दिखे तो गणना धीमी कर देना।… ये वीडियो देखो।… खुले ट्रक में जातीं ईवीएमें। कूड़ा गाड़ी में जातीं ईवीएमें।… 'चुनाव की चोरी' की जा रही है। जांच हो। सब मिले हुए हैं। 1857 वाली लड़ाई लड़नी होगी।… हमें तैयार रहना है।… जरूरत हुई तो अदालत जाएंगे।…
कल तक 'तीन सौ पार' पर 'वाह वाह' होती थी, अब 'ईवीएम' को लेकर 'हाय हाय' है! अपना विपक्ष भी अद्भुत है : जीते तो 'ईवीएम' ठीक, और हारे तो ठीकरा 'ईवीएम' के सिर और फिर भी रोना कि जनतंत्र खतरे में है! फिर आई यूपी की वोटों की असली गिनती! दोपहर आते-आते साइकिल पंक्चर हो चुकी थी, जबकि बाबा का बुलडोजर दनदना रहा था।
भाजपा वाले मस्त! योगी के साथी योगी को गुलाल लगा कर होली खेलते कार्यकर्ता! 'भारत माता की जय' के नारे गुंजाते कार्यकर्ता! यूपी में 'योगी ही उपयोगी' वाला गाना भाजपा के 'थीम सांग' की तरह लगता है।
इस विजयी क्षण के गोरखपुरिया दृश्य में बुलडोजर ही बुलडोजर, जेसीवी मशीनें ही मशीनें दिखती हैं। अंतिम परिणाम आते हैं : यूपी, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर भाजपा के, पंजाब 'आप' का! बकिया विपक्ष एकदम साफ!
चार राज्यों में जीत के बाद मोदी भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हैं: … दो हजार बाईस के नतीजों ने दो हजार चौबीस के नतीजे तय कर दिए हैं।… इसे कहते हैं 'एडवांस' में 'नजिंग' यानी सांकेतिक तरीके से वक्त से पहले ही 'टहोकने की कला'! मोदी से बेहतर इस कला को कोई नहीं जानता! यही 'मोदी पुश' है! (और अगले ही रोज मोदी गुजरात में रोड शो करने निकल जाते हैं, क्योंकि अगला चुनाव गुजरात में है!)
सारे ज्ञानी, ध्यानी, विशेषज्ञ, विश्लेषक सब धराशायी हैं। विशेषज्ञ गिनते रहे जाति, उपजाति, ये जाति वो जाति, यहां इसका पव्वा, वहां उसका पव्वा! लेकिन सबके विश्लेषण गलत सिद्ध होते हैं। सिर्फ कुछ विशेषज्ञ पकड़ पाते हैं कि भाजपा को जिताया है मोदी-निर्मित 'लाभार्थी वर्ग' और महिलाओं ने! मंत्री अनुराग ठाकुर इस जीत को आस्था और विकास की जीत बताते हैं!
लेकिन सबसे चमत्कारी जीत केजरीवाल की 'आप' की लगती है! पंजाब की जनता ने झाडू की जगह 'वैक्युम क्लीनर' ही चला दिया लगता है! सीनियर बादल, जूनियर बादल, सिद्धू, चन्नी और अमरिंदर सिंह- सभी बड़े नेता लुढ़के पड़े हैं! हर तरफ 'आप' ही 'आप' है! बाकी सब साफ हैं!
जीत के फौरन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया पहले हनुमान मंदिर जाते हैं, फिर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हैं कि यह 'सबसे बड़ा इंकलाब' है!