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- तुर्की: 'सुल्तान'...
लड़कियों-महिलाओं की सुरक्षा दुनिया में हर सरकार के लिए अग्निपरीक्षा बन गई है। तब भी ऐसी कोई सरकार शायद ही मिलेगी, जो नारी-सुरक्षा के किसी अंतरराष्ट्रीय समझौते पर बड़े उत्साह से हस्ताक्षर करने के दसवें साल में उसे बेशर्मी से ठुकरा दे। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने यही किया है। आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उन्होंने कहा, 'औरत सबसे पहले मां है और बच्चे के लिए उसका घर है।' शायद वह यही कहना चाहते थे कि औरतों को घर पर ही रहना और बच्चों की देखभाल करना चाहिए, न कि नौकरी-धंधे के लिए घर से बाहर जाना चाहिए। मुश्किल से दस दिन बाद 19 मार्च की रात उन्होंने अध्यादेश जारी किया कि उनका देश महिलाओं की सुरक्षा-संबंधी 'इस्तांबुल कन्वेशन' से अपने आप को मुक्त कर रहा है। महिलाओं के साथ हिंसा की रोकथाम और ऐसी हिंसा से लड़ने का यह समझौता तुर्की के ही सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में हुआ था। तुर्की ही पहला देश था, जिसने 11 मई, 2011 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अब वही इससे मुकरने वाला पहला देश भी बन गया है।