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- बढ़ती जनसंख्या से मुंह...
भूपेंद्र सिंह| उत्तर प्रदेश विधि आयोग की ओर से जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा तैयार किए जाने के बाद बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जनसंख्या नीति भी जारी कर दी। इसी के साथ जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जारी बहस और तेज हो गई। इसका एक कारण उत्तर प्रदेश की तरह असम सरकार की ओर से भी जनसंख्या नियंत्रण के उपाय करना है। कुछ नेता और बुद्धिजीवी उत्तर प्रदेश सरकार की जनसंख्या नियंत्रण की पहल को न केवल आगामी चुनावों से जोड़ रहे हैं, बल्कि यह भी कह रहे हैं कि इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को निशाने पर लेना है। ऐसे लोगों का यह भी मानना है कि इस पहल के सार्थक नतीजे सामने नहीं आएंगे, क्योंकि ऐसे प्रयास पहले भी विफल हो चुके हैं। इन लोगों का तर्क है कि जनसंख्या वृद्धि की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए करीब दो-तीन दशक बाद देश की आबादी बढ़ने की दर स्थिर हो जाएगी। ये लोग एक तो इसकी अनदेखी कर रहे हैं कि अगले दो-तीन दशक तो जनसंख्या बढ़ती ही रहेगी और दूसरे, योगी सरकार की जनसंख्या नीति में कहीं भी यह संकेत तक नहीं किया गया कि उसका उद्देश्य किसी समुदाय विशेष की आबादी पर रोक लगाना है। वैसे जनसंख्या नियंत्रण की पहल को मुस्लिम समुदाय से जोड़ना एक तरह से इसकी स्वीकारोक्ति है कि इस समुदाय में अन्य समुदायों की अपेक्षा आबादी तेजी से बढ़ रही है।