सम्पादकीय

कोशिश करें कि बैंकों से रिश्ते में अपनी बचतों के साथ आप बेहतर स्थिति में हों, पेंडिंग ईएमआई के साथ बदतर स्थिति में नहीं

Gulabi Jagat
27 March 2022 8:04 AM GMT
कोशिश करें कि बैंकों से रिश्ते में अपनी बचतों के साथ आप बेहतर स्थिति में हों, पेंडिंग ईएमआई के साथ बदतर स्थिति में नहीं
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ओपिनियन
एन. रघुरामन का कॉलम:
मैं उन्हें तब से जानता हूं, जब वे पांच दशक पूर्व भारत में रहते थे। पांच साल में तीन प्रेमिकाओं से ब्रेकअप होने के बाद वे डिप्रेशन में चले गए और काम पर ध्यान देने लगे। इसका उन्हें फायदा हुआ। उन्हें कॅरियर में तरक्की मिली और वे अमेरिका चले गए। एक बार उनके एक दोस्त ने उनसे कहा कि क्या वे पास की एक यूनिवर्सिटी जाकर उनकी बहन को ले आएंगे। जैसे ही उन्होंने दोस्त की बहन को यूनिवर्सिटी के गेट पर देखा, वे समझ गए कि वह उनसे बहुत अलग हैं।
वह उनसे ज्यादा बुद्धिमान, खिलंदड़ और रचनात्मक थीं। वे जानते थे कि वह कभी भी उनमें रोमांटिक रूप से रुचि नहीं लेंगी, इसलिए उन्होंने उससे दोस्ती कर ली और उससे फ्लर्ट नहीं किया। चूंकि वह लड़की पुरुषों के उस पर मुग्ध हो जाने की आदी थीं, इसलिए इस बात पर विश्वास नहीं कर पाई कि यह व्यक्ति दूसरे पुरुषों से अलग था। वह एक साल तक अपने भाई के साथ उनसे मिलती रहीं, लेकिन उन्होंने कभी प्रपोज नहीं किया। इससे लड़की ने स्वयं ही निर्णय लेने का मन बनाया और प्रपोज किया। वे हैरान रह गए।
अगले ही माह उनका विवाह हो गया। उसके बाद भी वो निरंतर मेहनत से काम करते रहे। उन्होंने इस आपसी सहमति के साथ कैलिफोर्निया के उपनगरीय इलाके में एक बड़ा-सा घर खरीदा कि बड़े ग्राउंड स्पेस वाला यह घर बुढ़ापे में उनकी पेंशन साबित होगा। वे खुशनुमा कपल थे। पत्नी ने नौकरी छोड़ी और अपने तीनों बच्चों की देखभाल की। बीते 27 सालों में उनके बच्चे सेटल्ड हो गए।
उन सज्जन की आयु आज 57 वर्ष की है और वे नौकरी छोड़कर शेष जिंदगी का मजा लेना चाहते हैं। वे नई कॉर्पोरेट लाइफ में सहज नहीं थे, जहां उनसे दिन में 12 घंटे से ज्यादा काम कराया जा रहा था। महामारी में उनके एमडी ने कहा कि वे वीकेंड के दौरान भी घर से काम करें। अगर उन्होंने अभी तक नौकरी नहीं छोड़ी है तो इसकी सबसे बड़ी वजह है 14 वर्षों की ईएमआई, जिसका भुगतान शेष है।
निजी विश्वविद्यालयों में बच्चों की उच्चशिक्षा और फिर उनके विवाह के लिए उन्होंने अनेक बार अपने ऋण की राशि बढ़ाई थी। अब उनकी पत्नी कहती हैं कि वे अपना घर छोड़ना नहीं चाहतीं। लेकिन ऐसा तभी हो सकता है, जब वे 71 वर्ष की आयु तक काम करते रहें। वास्तव में उन्होंने खर्चीला जीवन बिताया है, लेकिन दोनों ही इसके लिए एक-दूसरे को दोष नहीं दे सकते, क्योंकि पैसों से मिलने वाली लग्जरी का उन्होंने भरपूर मजा लिया।
लेकिन अब समस्या यह है कि पति समय रहते रिटायर होकर एंजॉय करना चाहते हैं, वहीं पत्नी बड़े घर को छोड़कर छोटे घर में जाकर नहीं रहना चाहतीं। पति इसके लिए पत्नी को दोष देते हैं कि चूंकि उन्होंने बीते 27 वर्षों से काम नहीं किया है, इसलिए वे नहीं जानतीं कि कॉर्पोरेट लाइफ उन पर किस तरह का दबाव बना रही है। वहीं पत्नी पति को दोषी ठहराती हैं कि जिस लग्जरी में वे बीते लगभग तीन दशकों से रह रहे थे, उसी में अगर आगे भी नहीं रहेंगे तो फिर फायदा ही क्या है।
वे पति से कहती हैं कि आप अभी भी फिट हो और अगर यह घर बिक गया तो मेरा दिल टूट जाएगा। वहीं वे पत्नी को याद दिलाते हैं कि हमने आपसी सहमति से इस घर को अपने पेंशन-प्लान की तरह खरीदा था, इसका उपयोग करने के लिए नहीं। फिलहाल मैं इस बड़ी समस्या को सुलझाने में उनकी मदद कर रहा हूं।
फंडा यह है कि बैंकें भले आपको ईजी ईएमआई के लिए लुभाएं, लेकिन अगर आप ओल्ड-एज में वो फैसले लेना चाहते हैं, जिनका आपने हमेशा सपना देखा था, तो सुनिश्चित करें कि बैंकों से रिश्ते में अपनी बचतों के साथ आप बेहतर स्थिति में हों, पेंडिंग ईएमआई के साथ बदतर स्थिति में नहीं।
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