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- रेल मंत्री पीयूष गोयल...
जिस वक्त देश के दस लाख से अधिक बैंककर्मी सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों के निजीकरण की सरकारी घोषणा के खिलाफ हड़ताल पर थे, ठीक उसी समय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कल कहा कि भारतीय रेल का कभी निजीकरण नहीं होगा और यह हमेशा भारत सरकार के ही हाथों में रहेगी। रेल मंत्री के इस आश्वासन के निहितार्थ समझे जा सकते हैं। अलबत्ता, उन्होंने रेलवे में तेज सुधार के लिए पूंजीगत जरूरतों की खातिर निवेश को आकर्षित करने की बात भी कही।
इसमें कोई दोराय नहीं कि पिछली कई सरकारें निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिए भारतीय रेलवे के विकास को गति देने की कोशिशें करती रही हैं और स्टेशनों की साफ-सफाई से लेकर पेंट्री कार की सेवाओं तक में उन प्रयासों का फर्क भी दिखा है। पर इन दिनों सरकारी संस्थाओं के विनिवेश से जुड़ी जो सबसे बड़ी चिंता कर्मचारियों को है, वह उनकी नौकरी के भविष्य से जुड़ी है। साफ है, सरकार उन्हें आश्वस्त करने में विफल रही है कि इस कवायद में उनके हितों को लेकर पर्याप्त 'सेफगार्ड'रखे जाएंगे।