सम्पादकीय

सच्चे देशभक्त

Subhi
30 Oct 2022 4:55 AM GMT
सच्चे देशभक्त
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इससे भी पहले पीएम मोदी केदारनाथ में बोल दिए कि औपनिवेशिक शासन ने हिंदुओं में हीनता की मानसिकता पैदा की, अब हमें इससे मुक्त होना है… इसे सुनते ही एक अंग्रेजी एंकर चहक उठा

सुधीश पचौरी; इससे भी पहले पीएम मोदी केदारनाथ में बोल दिए कि औपनिवेशिक शासन ने हिंदुओं में हीनता की मानसिकता पैदा की, अब हमें इससे मुक्त होना है… इसे सुनते ही एक अंग्रेजी एंकर चहक उठा: यह 'हिंदू रेनेसां' हो रहा है। हिंदू नवजागरण हो रहा है! मगर इस दीपावली पर सबसे बड़ा कीर्तिमान बनाया भरतीय मूल के ऋषि सुनक जी ने। वे संकट में फंसे महान ब्रिटेन को उबारने वाले बने। इसी खातिर टोरी दल के नेताओं ने उनको एक सुर से अपना पीएम चुना।

और सुनक जी? अरे वही, अपने वाले 'शौनक जी' यानी सूत जी, शुकदेव जी के भाई जी, भागवत वाले शौनक जी! और सुनक जी निकले पूरे गर्वीले हिंदू! पीएम की शपथ गीता पर ली। रामनामी वाला दुपट्टा पहना। माथे पर तिलक लगवाया। गौ-पूजा की। दीया जलाया। रंगोली बनाई। सब हिंदू विधि-विधान से किया और सब दिखा 'लाइव लाइव'! यह सब तो अपने यहां के किसी हिंदुत्ववादी तक ने कभी नहीं किया!

कई चैनलों ने उछाह में लाइनें लगार्इं: 'यूके पर करेगा एक भारतीय राज… इंगलैंड में हिंदू करेगा राज… अपने जलोकड़ों ने तुरंत फच्चर लगाया: एक मैडम नेताजी कहिन कि हम सीएए करते हैं, वो पीएम बनाते हैं… कि एक कांग्रेसी नेता जी ने अपना सेक्युलर फच्चर लगाया कि भारत में कब बनेगा कोई अल्पसंख्यक पीएम? फिर एक और ने फच्चर ठोंका कि एक दिन हिजाब वाली लड़की बनेगी इंडिया की पीएम… हाय! मन अतिरंक मनोरथ राउ! कामनाओं के घोड़े दौड़ाए जाने लगे, ताकि एक सुनक जी की ताजपोशी की खबर फोकस से बाहर हो जाए। फिर बहसें शुरू।

भाजपा प्रवक्ता कहिन कि अपने यहां तो पहले ही बहुत से अल्पसंख्यक शीर्ष पर रहे हैं, जैसे प्रधानमंत्री पद पर मनमोहन सिंह पूरे दस बरस रहे और राष्ट्रपति के पद पर जैल सिंह से लेकर अब्दुल कलाम तक रहे हैं… अपना जनतंत्र खुला है। चुनाव लड़ लो, ले आओ बहुमत और बना लो अपना मनचीता प्रधानमंत्री। क्या प्रधानमंत्री के लिए भी आरक्षण चाहिए?

सच, आज किसी हिंदू का ग्रेट ब्रिटेन का यों पीएम चुना जाना एक प्रकार से 'सबाल्टर्नी औपनिवेशिक पलट' ही तो है, लेकिन यह भी विपक्ष को नहीं भाया और वह हमेशा की तरह विघ्न संतोषी बना रहा! इस बार की दीपावली में तो अमेरिका भी पीछे न रहा। बाइडन साहब ने वाइट हाउस में मनाई भारतीय बच्चों के साथ दीपावली! कुछ इसे भी अमेरिका का 'हिंदू तुष्टीकरण' कहेंगे! वोट जो न कराए, सो थोड़ा!

लेकिन दीपावली पर सबसे मजेदार गुगली भाजपा को केजरीवाल जी ने फेंकी कि नोटों पर गांधी जी के चित्र के साथ लक्ष्मी जी और गणेश जी के चित्र भी छापे जाने चाहिए, ताकि भारत को उनका आशीर्वाद मिलता रहे… केजरीवाल जी की देखादेखी एक अन्य नेता कहिन कि शिवाजी को छापिए, तो दूसरे कांग्रेसी नेता कहिन कि आंबेडकर को छापिए…

भाजपा प्रवक्ताओं को देर तक नहीं सूझा कि केजरीवाल की इस हिंदू गुगली को कैसे खेलें और एक बहस में जवाब सूझा भी तो एक एंकर को सूझा, जिसने कहा कि नोटों पर देवी-देवताओं को छापने से उनकी अवमानना होगी… नोट किस-किस हाथ में कहां से कहां जाते हैं, किस-किस उपयोग में लाए जाते हैं… इससे लक्ष्मी-गणेश जी की बेहुरमती ही होगी… फिर एक चैनल पर एक विशेषज्ञ ने बताया कि नोट पर क्या छपे, इसे पीएम नहीं रिजर्व बैंक तय करता है। उसका भी एक विधान है… सच! केजरीवाल के इस 'प्रैक्टिकल जोक' को, उनके बारीक 'सेंस आफ ह्यूमर' को भाजपा वाले प्राय: नहीं समझ पाते, क्योंकि भाजपा डाल डाल तो केजरीवाल पात पात!

वृहस्पतिवार की शाम एक अंग्रेजी चैनल एक नामी समाचार वेबसाइट की 'फेक न्यूजबाजी' की खबर खुलते ही पिल पड़ा और बताता रहा कि किस तरह यह कथित क्रांतिकारी न्यूज मीडिया झूठ पर झूठ गढ़ता और बेचता रहा है, किस तह भाजपा के एक मीडिया प्रभारी को बदनाम करता रहा है और अब जब सच सामने आया, तो माफी मांगने लगा। फिर भी भाजपा के नेता ने उसके मालिकों-संपादकों पर दीवानी और फौजदारी दोनों प्रकार के मुकदमे किए हैं… और अंत में पुतिन जी ने कह दिया कि पीएम मोदी सच्चे देशभक्त हैं… वाह पुतिन जी वाह! लगा दी न आग! इधर के जेलेंस्कियों को भी जला दिया न! अब फिर मचेगी हाय हाय!


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