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![ट्रिपल टेस्ट की बाधा ट्रिपल टेस्ट की बाधा](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/12/29/2366530--.webp)
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बगैर ही कराए जाएं। कोर्ट ने इन चुनावों में ओबीसी आरक्षण के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से जारी रिजर्व क्षेत्रों की प्रॉविजनल लिस्ट यह कहते हुए रद्द कर दी कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ट्रिपल टेस्ट की शर्ते पूरी नहीं की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के बहुचर्चित ट्रिपल टेस्ट फॉर्म्युले के मुताबिक आर्थिक, शैक्षणिक स्थितियों और नगरीय निकायों में ओबीसी पिछड़ेपन की प्रकृति और उसके प्रभावों का अध्ययन करके आंकड़े जुटाने के लिए एक आयोग का गठन होना चाहिए। इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकायों के लिए ओबीसी आरक्षण तय कर सकती है, लेकिन वह 50 फीसदी की अधिकतम सीमा से ज्यादा नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक इस ट्रिपल टेस्ट की शर्तें हर लिहाज से पूरी नहीं की जातीं, तब तक राज्य में स्थानीय निकायों में ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता।