सम्पादकीय

Tribute to Lata Mangeshkar: ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी..

Gulabi
7 Feb 2022 5:50 AM GMT
Tribute to Lata Mangeshkar: ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी..
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सुर साधिका, स्वर कोकिला और सच्चे अर्थो में भारत की अनमोल रत्न लता मंगेशकर का जाना एक ऐसे युग का अवसान है
सुर साधिका, स्वर कोकिला और सच्चे अर्थो में भारत की अनमोल रत्न लता मंगेशकर का जाना एक ऐसे युग का अवसान है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। अपने सुरीले गीतों के माध्यम से वह अमर रहेंगी, हमारी यादों में बसी रहेंगी, उन्हें झंकृत करती रहेंगी और स्वर साधकों को सदैव प्रेरणा भी प्रदान करती रहेंगी। आज यदि राष्ट्र शोकाकुल है और उनकी स्मृतियों को अपनी-अपनी तरह से संजोने में लगा हुआ है तो इसीलिए कि उन्होंने कई पीढ़ियों को अपने गीतों से मंत्रमुग्ध किया। उनके कंठ में सचमुच सरस्वती विराजती थीं और शायद इसीलिए उनकी जो स्वर यात्र बचपन में ही शुरू हो गई थी, वह अभी हाल तक चलती रही।
हिंदी, मराठी से लेकर तमिल, कन्नड़ तक तमाम भारतीय भाषाओं में गाए उनके गीतों ने उन्हें देश के साथ दुनिया में लोकप्रिय बनाया। इसी कारण उनके चाहने वाले संसार भर में थे। उन्होंने यह साबित किया कि गीत-संगीत की कोई सीमा नहीं होती। उनका व्यक्तित्व इतना विशाल था कि उन्होंने गीत-संगीत जगत के साथ-साथ राष्ट्रजीवन के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। जब भी कहीं कोई संकट आया, उन्होंने सक्रियता-संवेदना तो दिखाई ही, अपनी तरह से भरसक योगदान भी दिया। इसीलिए वह देश की थाती थीं।
लताजी एक ऐसे अनूठे व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं, जिस पर देश को गर्व था। वह संघर्ष, सादगी और संगीत साधना के साथ भारतीयता की पर्याय थीं। वह कितनी विलक्षण प्रतिभा की धनी थीं, यह इससे समझा जा सकता है कि 60-70 की आयु में उन्होंने किशोरवय अभिनेत्रियों के लिए गाने गाए। तन-मन को पुलकित, हर्षित और मुदित करने वाले उनके सदाबहार गीतों की गिनती करना कठिन है, लेकिन कुछ गीत तो कभी भुलाए ही नहीं जाए जा सकते, जैसे ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी..। उनकी मधुर और मन की गहराइयों को छू लेने वाली आवाज से गीत-संगीत का तो मान बढ़ा ही, उन पुरस्कारों की भी आभा बढ़ी, जो उन्हें जीवन भर मिलते रहे।
उनके एक गीत के ये बोल उनके गरिमामय व्यक्तित्व को बिल्कुल सही से रेखांकित करते हैं-मेरी आवाज ही पहचान है.। उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं था। इस युग में उनके जैसा यश और आदर शायद ही अन्य किसी ने पाया हो। उनकी उपस्थिति देशवासियों को अभिभूत करने के साथ उनके मन में यह भाव भी जगाती थी कि उन जैसी महान गायिका के रूप में उनके पास कुछ विशेष-विरला है।

दैनिक जागरण
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