सम्पादकीय

पेड़ कटा या प्रशासन की नाक कटी?

Rani Sahu
8 Sep 2022 3:10 PM GMT
पेड़ कटा या प्रशासन की नाक कटी?
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एक प्रमुख क्षेत्रीय समाचारपत्र समाचार प्रकाशित किया था कि 8 जून 2022 की रात्रि को मुज़फ्फरनगर कचहरी रोड स्थित पुराने पुलिस क्लब के सामने खड़े 200 वर्ष के विशाल पिलखन के पेड़ को कोई रातों-रात काटकर ट्रकों में भरकर रफूचक्कर हो गया। जहां से पेड़ काटा गया, वहां से पुलिस कार्यालय १००-१५० कदमों की दूरी पर है। अग्नि-शमन केंद्र, जहां चौबीसों घंटे अलर्ट रहती है, बिल्क़ुल नज़दीक है। शहर का केंद्र स्थल शिव चौक व कोतवाली चंद फर्लॉंग दूर हैं। कचहरी रोड पर सबसे बड़ा दवा बाजार जिला परिषद् मार्किट है, दूसरे बाजार भी है जहां रात्रिभर पहरेदारी होती है। 200 वर्ष पुरानी पिलखन तुलसी का निरवा नहीं था, जिसे हाथ की हथेली पर रख कोई ले जाता। पेड़ बिजली के आरे से काटा गया होगा, १०-१५ लोगों ने ट्रकों में भरा होगा। अखबार के रिपोर्टर ने डी.एफ.ओ. कन्हैया पटेल से और ई.ओ. -हेमराज से पूछा तो टका सा जवाब दे दिया- हमें कुछ नहीं पता। डी.एम.सी.बी. सिंह ने कहा- पेड़ कटा है तो किसी अधिकारी ने अनुमति दी होगी। इन कर्तव्यपरायण अधिकारियों की भाजपा वालों को पीठ ठोकनी चाहिए।
लेकिन यह तो पुरानी खबर थी, नया समाचार है कि अभी 3 सितम्बर को उसी स्थान के पास से पीपल व जमोये के दो हरे पेड़ रातों रात काटकर गायब कर दिए गए। ऐसा प्रतीत होता है कि नेतागण वन महोत्सव पर पौधारोपण कराते हुए अपना फोटो छपवाने और सामाजिक वानिकी विभाग हरे-भरे पेड़ कटवाने को ही अपना कर्तव्य समझते हैं।
गोविन्द वर्मा
Rani Sahu

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