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संयम श्रीवास्तव।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े टेलीविजन बाजार और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानि ट्राई (TRAI) के बीच बीते 5 वर्षों से विवाद चल रहा है. ट्राई जहां टेलीविजन कंपनियों को चेतावनी दे रहा है कि वह उपभोक्ताओं से अधिक कीमत न वसूलें. वहीं इसके बावजूद भी कंपनियां अपने चैनलों की कीमतें बढ़ा रही हैं. इन सबके बीच अब सवाल उठने लगा है कि क्या भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री का भविष्य खतरे में है. दरअसल यह विवाद फिर से इसलिए उठा क्योंकि स्टार, सोनी, जी जैसे टेलीविजन प्रसारकों ने हाल ही में अपने चैनलों के शुल्क में 20 रुपए या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी की है. लेकिन जानने वाली बात यह है कि इन चैनलों ने बढ़ोतरी करने से पहले खुद को ट्राई के बुके सिस्टम से खुद को बाहर निकाल दिया था. यानि जब यह चैनल ट्राई के बुके सिस्टम में थे तब इन पर ट्राई के नियम लागू होते थे और तब यह बिना ट्राई के समर्थन के अपने चैनलों का शुल्क नहीं बढ़ा सकते थे.