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- यातायात के पंगु मिजाज
हिमाचल में संगत के मायने आजकल अगर राधा स्वामी के परौर डेरा में उज्ज्वल हुए, तो दो लाख के करीब लोगों की आवाजाही ने सारे रास्ते अवरुद्ध कर दिए। अकसर ऐसे जमावड़ों के अवसर पर हिमाचल पिद्दी और फिसड्डी क्यों हो जाता है। महाशब्द के उच्चारण में रैली जुड़े या सम्मेलन, हर बार हमारे प्रयास बौने हो जाते हैं। परौर से गुजरते यात्रियों ने पिछले कुछ दिनों या रविवार को जो महसूस किया, उसे एक परंपरा का निर्वहन मानें या संगत के संदेश व निर्देश के बरअक्स यातायात के पंगु मिजाज से पूछें कि तेरी खता क्या है। कुछ ऐसे ही संदर्भों से लड़ता हिमाचल अपने धार्मिक स्थलों, पारंपरिक मेलों, शहरीकरण, पर्यटक आगमन तथा नागरिक गतिविधियों के सामने पंगु हो रहा है, तो इस बीमारी को लाइलाज होने से पहले उपचार चाहिए। पर्यटन, व्यापार, उद्योग, त्योहार या सामुदायिक व्यवहार को हम सीमित नहीं कर सकते और न ही परिवहन के फैलाव पर अंकुश लगा सकते हैं।