- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- सम्पादकीय
- /
- बिम्सटेक देशों से...

इस समय भारत के लिए बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्नोलॉजिकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) देशों के साथ व्यापार की नई संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। भारत के द्वारा बिम्सटेक देशों को संगठित करने का एक बड़ा कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के तहत पाकिस्तान के द्वारा पिछले कई वर्षों से आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के कारण पड़ोसी देशों के साथ कारोबार संबंधी निराशाओं का परिदृश्य भी है। गौरतलब है कि बिम्सटेक के 7 सदस्य देशों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं जिनमें भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं तथा दो, म्यांमार और थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं। विगत 30 मार्च को बिम्सटेक का पांचवां शिखर सम्मेलन श्रीलंका की मेजबानी में आयोजित हुआ। इस शिखर सम्मेलन में डिजिटल माध्यम से अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां कोविड-19 और यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण यूरोप में बदले हुए घटनाक्रम से अंतरराष्ट्रीय कारोबार व्यवस्था की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लग गया है, वहीं बिम्सटेक देशों के बीच आपसी व्यापार का नया दौर निर्मित हुआ है। मोदी ने कहा कि ऐसे में जरूरी हो गया है कि बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाया जाए। साथ ही बंगाल की खाड़ी को आपसी कारोबार वृद्धि, संपर्क, स्वास्थ्य और सुरक्षा का सेतु बनाया जाए।
