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- आत्मनिर्भरता की ओर
Written by जनसत्ता; यह भारत के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि जो भारत हथियार के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता था और बड़ी मात्रा में हथियारों का खरीद करता था, आज लगभग छोटे-बड़े सब प्रकार के हथियार भारत में ही बन रहे हैं। यह एक बड़ी उपलब्धि है।
हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हथियारों की खरीद-फरोख्त में बड़े-बड़े घोटाले भी होते रहे हैं। लेकिन आज देश के स्वदेशी लड़ाकू विमान प्रचंड या नौसेना में शामिल एनएस विक्रांत 2.0 है, जो पूरी तरह स्वदेशी एवं पारदर्शिता के साथ ही भारत के कंपनियों द्वारा निर्मित हैं।
अब भारत को किसी देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं। देश स्वयं आत्मनिर्भर हो रहा है। आज भारत से कई देश हथियार विक्रय करने की योजना बना रहे। ब्रह्मोस मिसाइल को ही देखा जा सकता है। विश्व के लगभग सभी विकसित देश ब्रह्मोस मिसाइल को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यह भी पूरी तरह स्वदेशी मिसाइल है। इससे आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और हथियार बेचने वाले देशों में भारत भी शामिल होगा। इससे भारत एशिया में चीन को पछाड़कर अपने सामरिक शक्तियों के बलबूते विश्व में स्थान बनाएगा।
कानपुर सड़क हादसे में छब्बीस लोगों के जान गंवाने और बीस से अधिक लोगों के घायल होने के बाद लोगों की रूह कांप उठी। इसी घटना में एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। हमारे देश में न जाने कितने लोग हादसे में अपनी जान गंवाते हैं। अगर सही मायने में देखा जाए तो हम लोग यातायात नियमों को दरकिनार कर यात्रा करते है जो किसी भी हाल में सही नहीं है।
कानपुर हादसे में लोग देवी दर्शन करके वापस लौट रहे थे। उन्हें क्या पता था कि यह उनकी अंतिम यात्रा होगी! ट्रैक्टर ट्राली कृषि उपयोग के लिए होती है, लेकिन इसे लोगों ने आवागमन का साधन बना रखा है। अक्सर गांव में मेला हो या किसी कोई और जगह जाना हो तो लोग आवागमन के लिए ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग करते हैं। लेकिन यह किसी जानलेवा खतरे से कम नहीं होता है।
यातायात विभाग और पुलिस विभाग लगातार अभियान चलाता रहता है। एक निश्चित समय तक लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके बावजूद लोग मानते नहीं हैं और अपनी जान को जोखिम में डाल कर यात्रा करते हैं। इस हादसे के बाद सरकार को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो।