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- पर्यटक सीजन के खलल
पर्यटक सीजन की हवाओं में मौज, मस्ती और निरंकुश अदाओं का भौंडापन भी देखा जाएगा। जिन्होंने ट्रैफिक जाम, सड़क हादसे या मस्ती के अतिक्रमण में खतरे नहीं देखे, वे सतर्क हो जाएं क्योंकि नशे की खेप चुगली करती है या नदी-नालों के छोर पर होती आवारागर्दी का आलम बदनामी ही तो है। पर्यटन के साथ कुछ सुखद पहलू दिखाई देते हैं, लेकिन नकारात्मक ढोल भी बजते हैं। बेशक कोरोना काल के बाद पर्यटन ने खुद को संवारना शुरू किया है और इस बार अपनी ही खामियां पाटते हुए यह क्षेत्र उम्मीदों के पनघट तक पहुंच रहा है, लेकिन हिमाचल में पर्यटन की हस्ती से तब सवाल होंगे, जब अचानक एक रात्रि कुल्लू के जंगल में दर्जनों पर्यटक रेव पार्टी के नाम पर नशा परोसते हुए पकड़े जाएं या देवभूमि के आचरण में छेद करते हुए देखे जाएं। पर्यटन का छिछोरापन या हर आगंतुक को पर्यटक मान लेना सही नहीं। हम पर्यटन को भेड़ या भीड़ की तरह देखते-देखते यह कहां आ गए। भीड़ हमारे होटल भर सकती है।
सोर्स- divyahimachal