सम्पादकीय

तोक्यो ओलिंपिक: चक दे इंडिया

Gulabi
23 July 2021 3:49 PM GMT
तोक्यो ओलिंपिक: चक दे इंडिया
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लंबे इंतजार और तमाम आशंकाओं के बीच आखिर तोक्यो ओलिंपिक 2020 आज से शुरू हो रहा है

लंबे इंतजार और तमाम आशंकाओं के बीच आखिर तोक्यो ओलिंपिक 2020 आज से शुरू हो रहा है। यह पहला मौका है, जब किसी ओलिंपिक में शामिल होने गई टीम के सदस्यों की पहली चिंता बेहतरीन प्रदर्शन की तैयारियों में लगने के बजाय यह देखना है कि उनके कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव न आ जाए और ऐसा न हो कि गेम में शामिल होने के बदले उन्हें जापान सरकार द्वारा बनाए गए क्वारंटीन होम में बैठे-बैठे मुकाबले देखकर संतोष करना पड़े। जिन हालात में ये ओलिंपिक खेल आयोजित हो रहे हैं उनके मद्देनजर हर खेल में मेडल की चाहत रखने वाले दर्शकों की भी पहली चिंता यही है कि उनके संभावित चैंपियन आखिरी पलों तक संक्रमण से बचे रहें। इन्हीं खतरों की वजह से सीमित संख्या में दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश देने की योजना भी आखिरकार रद्द करनी पड़ी। इन सबके बावजूद दुनिया भर के खेलप्रेमियों के लिए यह राहत की बात है कि कोविड-19 वायरस के खौफ को पराजित कर एक साल देर से ही सही, पर इन खेलों का आयोजन किया जा रहा है। और जब खेलों का आयोजन हो रहा है तो लाख चिंताओं-दुश्चिंताओं के बीच भी मेडल से नजरें नहीं हट सकतीं।

भारतीय खेलप्रेमियों को भी इस बार रेसलिंग से लेकर शूटिंग और बैडमिंटन तक कई खेलों में मेडल की उम्मीद है। ये उम्मीदें किस हद तक पूरी होती हैं, यह साफ होने में वक्त लगेगा। लेकिन हमारी जो टीम पहुंची है, उस पर ठीक से गौर करें तो उससे भी देश में स्पोर्ट्स के विकास के कई अहम पहलू उजागर होते हैं। अव्वल तो 127 खिलाड़ियों वाली यह अब तक की सबसे बड़ी टीम है। दूसरी बात यह कि भारत इस बार 18 खेलों में भागीदारी कर रहा है जो विभिन्न खेलों में हमारे विकास को दर्शाता है। पंजाब और हरियाणा जैसे छोटे राज्यों की तोक्यो पहुंचे दल में 40 फीसदी की हिस्सेदारी वहां तेजी से फलते-फूलते स्पोर्टिंग कल्चर की कहानी कहती है। इसमें तमिलनाडु (11), केरल (8), महाराष्ट्र (6) और मणिपुर (5) जैसे राज्यों का योगदान बताता है कि भारत के टॉप एथलीट किसी खास क्षेत्र से नहीं बल्कि पूरे देश के कोने-कोने से आते हैं। इसका मतलब यह भी है कि विभिन्न खेलों के पारंपरिक गढ़ तो हैं ही, पर उनके नए केंद्र भी उभर रहे हैं। उदाहरण के लिए एक तरफ हरियाणा है, जिसने सात रेसलर तोक्यो भेजकर इस खेल में अपना दबदबा कायम रखा है तो दूसरी ओर महाराष्ट्र का सातारा है जो रेसलिंग केंद्र की अपनी जगह दोबारा हासिल करने में लगा हुआ है। बहरहाल, चूंकि आज से ओलिंपिक गेम्स शुरू हो रहे हैं तो इन तमाम बातों की पहली और फिलहाल सबसे बड़ी कसौटी मेडलों की संख्या ही होगी। हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस ओलिंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे।
क्रेडिट बाय NBT
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