सम्पादकीय

आपके स्वागत के लिए

Gulabi Jagat
9 Sep 2023 10:27 AM GMT
आपके स्वागत के लिए
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By: divyahimachal
यह नया हिमाचल है जो गिर कर संभलने का दस्तूर जानता है। आपदा के बीच ग्रहण लगी आर्थिकी को ढांढस बंधाता, उसे पटरी पर लाने के लिए हिमाचल सरकार ने फिर से ‘बांका हिमाचल’ का संदेश देना शुरू किया है। सोशल मीडिया पर निकले हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बाकायदा पर्यटकों से सीधा राफ्ता कायम करते हुए इस बात की गारंटी दी है कि प्रदेश ने फिर से अपनी खासियत को बरकरार रखते हुए, मनोरंजन की राहों को दुरुस्त किया है। सरकार ने अगले कुछ महीनों के पर्यटन कैलेंडर में कई गतिविधियों के सृजन करने की ठानी है। यानी हालात को फिर से रौनक का इंतखाब करने की स्थिति तक पहुंचा कर हिमाचल न केवल अंदरूनी तौर पर सुदृढ़ हो रहा है, बल्कि बाहरी जगत को दावे से कह रहा है कि हम आपके स्वागत के लिए तैयार हैं। इस बरसात में बहुत खोया है हिमाचल ने और अगर पर्यटन तथा पर्यटन के जरिए हुए नुकसान का आकलन करें तो कमाई के पंद्रह सौ करोड़ तो यूं ही बह गए जबकि इससे जुड़े बाकी सारे अध्याय अपनी-अपनी हानि का सदमा लिए संघर्षरत हैं। आपदा के बीच और आपदा के बाद केवल मनोबल ही नहीं, आत्मचिंतन और जीने का तसव्वुर सारी राहों को सुनिश्चित करता है। अगर मुख्यमंत्री खुद सामने आकर बता रहे हैं कि प्रदेश अब पर्यटन के लायक है, तो यह आगे बढऩे का ऐसा मील पत्थर है जिसे सरकार अपना नाम देना चाहती है।
यह एक तरह से पर्यटन को प्रश्रय देने की मुहिम है जो देश को बता रही है कि हिमाचल के लिए अब डेस्टिनेशन होने का अर्थ क्या है, लेकिन प्रदेश के भीतर भी तो पर्यटन को संबोधित करने की जरूरत है। हिमाचल पर्यटन को अपने पार्टनरशिप में होटल मालिकों, टैक्सी व टूअर आपरेटरों, ढाबा मालिकों तथा पूरी ट्रैवल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के लिए एक समन्वित व स्थायी बोर्ड का गठन करना चाहिए, जिसके तहत पूरी इंडस्ट्री के प्रबंधन की एक पद्धति विकसित करने के साथ सहयोग व सामंजस्य की परिपाटी बनानी होगी। प्रदेश में पांच करोड़ पर्यटकों का नारा हिमाचल का शायद ही भला करेगा, बल्कि तमाम उपलब्ध सुविधाओं के लिए जी का जंजाल बन सकता है। जिस प्रदेश में पहले ही बाइस लाख पंजीकृत वाहन सत्तर लाख लोगों की परिवहन सेवाओं को पूरा करते हैं, तो पांच करोड़ सैलानियों की मांग में वाहनों की संख्या सात गुना बढ़ जाएगी। यानी वर्तमान बाइस लाख को इसी तुलना में आगे बढ़ाना होगा तो पांच करोड़ पर्यटकों के लिए ही करीब डेढ़ करोड़ वाहन अतिरिक्त रूप से बढ़ जाएंगे। क्या उस स्थिति में हिमाचल अपने राज्य में पंजीकृत वाहनों के अलावा डेढ़ करोड़ वाहनों की पार्किंग का प्रबंध कर पाएगा। हिमाचल को तलाश होनी चाहिए एक ऐसे पर्यटक की जो प्रदेश में ज्यादा व्यय करता हुआ उपलब्ध अधोसंरचना का कम से कम हफ्ता भर उपयोग करे।
इस तरह अगर एक करोड़ हाई एंड टूरिस्ट हिमाचल आने के लिए एक हफ्ते का कार्यक्रम बनाएं, तो व्यावहारिक दृष्टि से वह सात करोड़ पर्यटक दिवसों का सृजन करेंगे। इसके अलावा वर्तमान हिसाब से आ रहे पर्यटक भी बढ़ेंगे और न बढ़े तो भी ये दो करोड़ यात्री सामान्य सुविधाओं से संतुष्ट रहेंगे। हिमाचल को नए पर्यटन की महत्त्वाकांक्षा में ‘सिने पर्यटन’ पर तवज्जो देनी होगी। प्रदेश के गरली-परागपुर में प्रस्तावित गोल्फ ग्राउंड से कहीं बेहतर होगा, अगर राज्य की पहली फिल्म सिटी वहां बसा दी जाए। इसके अलावा प्रस्तावित धर्मशाला कान्वेंशन सेंटर के अलावा हिमाचल के विभिन्न स्थलों पर परफार्मिंग आट्र्स के सेंटर तथा हर धार्मिक स्थल में आडिटोरियम बनाए जाएं। हिमाचल में पर्यटन की दृष्टि से गतिविधियों की समरूपता से सुसज्जित कैलेंडर बनाने के अलावा बड़े-बड़े गीत-संगीत, लोक थियेटर व फिल्म फेस्टिवलों तथा तमाम सांस्कृतिक समारोहों के आयोजन के लिए एक पर्यटन एवं मेला विकास प्राधिकरण का गठन करना होगा।
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