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- लोकतंत्र को बचाने के...
प्रियदर्शन गोरखपुर के एक होटल में आधी रात के बाद घुस कर यूपी पुलिस के कुछ लोगों ने कानपुर के एक व्यवसायी मनीष गुप्ता की इतनी पिटाई की कि उनकी मौत हो गई. उसके बाद हमेशा की तरह पुलिस ने मामला दबाने की कोशिश की. बताया कि वे पूछताछ के दौरान फ़र्श से गिर गए जिससे उनको चोट लगी. लेकिन उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट डरावनी है. इससे पता चलता है कि उन्हें बेरहमी से मारा पीटा गया. उनके जिस्म के अलग-अलग हिस्सों पर गंभीर चोट के गहरे निशान थे.
जिस तरह मनीष गुप्ता की हत्या हुई, उसके लिए सबसे पहले पुलिसवालों को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए था. लेकिन तस्वीर क्या नज़र आ रही है? मनीष गुप्ता की पत्नी ने बाक़ायदा रिकॉर्डिंग जारी कर बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन पर इस मामले में केस न करने का दबाव बना रहे हैं. वे याद दिला रहे हैं कि इन पुलिसवालों की उनसे कोई जाती दुश्मनी नहीं थी. वे यह भी बता रहे हैं कि इन पुलिसवालों के परिवार भी हैं- अगर इन्हें सज़ा हो गई तो वे कैसे पलेंगे? वे यहां तक समझा रहे हैं कि केस-मुक़दमों का नतीजा अच्छा नहीं होता.