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- बहानेबाजी के बजाय काम...
ए. सूर्यप्रकाश: पिछले दिनों दिल्ली समेत कई राज्यों में अस्पतालों में आक्सीजन, बेड और दवाओं की कमी के चलते कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु ने देश की चेतना को झकझोर दिया। इसी दौरान कई राज्यों से आक्सीजन आपूर्ति के संबंध में प्रशासन की आपराधिक लापरवाही और घोर अक्षमता की भी खबरें आई। यह अक्षमता भी कोरोना मरीजों की मौत का कारण बनी। कर्नाटक के चामराजनगर के जिला अस्पताल में आक्सीजन की कमी के चलते 24 कोरोना पीड़ितों ने दम तोड़ दिया। इस दुखद घटना की जांच के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने माना कि जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने अपनी भूमिका का सही से निर्वहन नहीं किया। गोवा की कहानी भी कुछ इसी तरह की है। गोवा मेडिकल कॉलेज में भी 80 संक्रमितों की मौत अस्पताल में आक्सीजन की कमी के चलते हुई। हालांकि अस्पताल प्रबंधन इससे इन्कार कर रहा है, लेकिन सुनने में आ रहा कि उसकी आक्सीजन आपूर्ति प्रणाली काफी पुरानी थी। इसके साथ उसकी भंडारण क्षमता भी बहुत कम थी। देर से ही सही, लेकिन गोवा सरकार ने अस्पताल के प्रबंधन को अपने हाथों में लिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अस्पताल में आक्सीजन टैंक लगाने के बाद आक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था को ठीक कर लिया गया है।