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सतर्क रहने का समय: कोरोना से बचे रहने के उपायों को नहीं अपनाने से सिर उठा सकती संक्रमण की तीसरी लहर

Rounak Dey
29 Aug 2021 2:03 AM GMT
सतर्क रहने का समय: कोरोना से बचे रहने के उपायों को नहीं अपनाने से सिर उठा सकती संक्रमण की तीसरी लहर
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यह ठीक नहीं कि कई लोग टीके की खुराक समय पर लेने के लिए तत्पर नहीं दिख रहे हैं।

आगामी त्योहारों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी कर राज्यों से सार्वजनिक स्थलों पर भीड़भाड़ रोकने की जो अपेक्षा की उसकी पूर्ति होनी ही चाहिए। राज्य सरकारों को न केवल यह सुनिश्चित करना चाहिए कि त्योहारों के मौके पर कहीं भी भारी भीड़ का जमावड़ा न होने पाए, बल्कि यह भी देखना होगा कि कोरोना मरीजों की जांच और उपचार के साथ टीकाकरण अभियान को गति मिलती रहे। उन इलाकों में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता अभी भी बनी हुई है जहां कोरोना संक्रमण व्याप्त है अथवा जहां कोरोना मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। यह चिंताजनक है कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या घट नहीं रही है। कुछ राज्य तो ऐसे हैं जहां कोरोना मरीज कम होने के बजाय बढ़ रहे हैं। इसके कारण कुछ भी हों, ऐसे राज्यों के पड़ोसी प्रांतों को खास तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। इस आशंका से इन्कार नहीं कि जिन राज्यों में कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट नहीं आ रही है वे अन्य क्षेत्रों में संक्रमण के प्रसार का जरिया बन सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो संक्रमण की तीसरी लहर सिर उठा सकती है। संक्रमण की तीसरी लहर न आने पाए और अगर आए भी तो नियंत्रित बनी रहे, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ आम लोगों को भी सजग रहना होगा।

भले ही कुछ क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण नियंत्रित अवस्था में दिख रहा हो, लेकिन जरा भी ढिलाई भारी पड़ सकती है। स्पष्ट है कि किसी को भी यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि तीसरी लहर नहीं आने वाली अथवा देश के एक बड़े हिस्से से कोरोना की विदाई होने वाली है। आम जनता को इससे परिचित होना चाहिए कि विश्व के कई देश कोरोना संक्रमण की तीसरी-चौथी लहर से जूझ रहे हैं। लोगों को कोरोना से बचे रहने के उपायों को अपनाने के प्रति अभी भी पूरी तरह सजग रहने की जरूरत है। इस जरूरत की पूर्ति तभी होगी जब मास्क लगाने, सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक दूरी का परिचय देने के साथ ही खुद की सेहत के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। इस सबके साथ ही लोगों को टीका लगवाने के प्रति तत्पर रहना होगा। यह अच्छी बात है कि बीते दिन एक करोड़ से अधिक टीके लगे और अभी तक 62 करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या पर्याप्त नहीं जिन्होंने दोनों टीके लगवा लिए हैं। यह ठीक नहीं कि कई लोग टीके की खुराक समय पर लेने के लिए तत्पर नहीं दिख रहे हैं।


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